राजस्थान : करोड़ों रुपए की साइबर ठगी करने के आरोपी डॉक्टर सहित दो गिरफ्तार

राजस्थान : करोड़ों रुपए की साइबर ठगी करने के आरोपी डॉक्टर सहित दो गिरफ्तार

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  • Publish Date - December 19, 2024 / 09:21 PM IST,
    Updated On - December 19, 2024 / 09:21 PM IST

जयपुर, 19 दिसंबर (भाषा) राजस्थान पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक डॉक्टर सहित दो लोगों को धौलपुर से गिरफ्तार किया है।

पुलिस के अनुसार इस फर्जी फर्म के खिलाफ 16 राज्यों में दस करोड़ रुपए से अधिक के साइबर ठगी के मामले दर्ज हैं।

हनुमानगढ़ के जिला पुलिस अधीक्षक अरशद अली ने बताया कि 23 अप्रैल को परिवादी सुनील कुमार ने रिपोर्ट दी कि टेलीग्राम ऐप पर एक अनजान मोबाइल नम्बर से उसे मैसेज आया। जिसमें उसके साथ कॉलेज में पढ़ने वाले दोस्त की फोटो लगी हुई थी। जिसे दोस्त समझकर उसने ऐप पर बातचीत में अपनी जानकारी शेयर कर दी।

उक्त व्यक्ति ने कारोबार के माध्यम से प्रतिदिन दो से तीन लाख रूपये कमाने व ऐशो-आराम की जिंदगी जीने के सपने दिखा कर लगभग एक माह तक उनके बताए विभिन्न खातों में 94 लाख 70 हजार 300 रूपये ट्रांसफर करवा लिए।

पुलिस की जांच टीम ने साइबर ठग गिरोह द्वारा उपयोग में लिये गये बैंक खातों की जांच कर फर्जी फर्म के नाम से बैंक में खुले चालू खाते के खाताधारक सुधीर यादव (34) व उसके मुख्य सहयोगी तथा खाते को उपयोग में लेने वाले दांतों के डॉक्टर आनन्द सोनी (39) को गिरफ्तार किया गया। दोनों राजस्थान के धौलपुर जिले के रहने वाले हैं।

आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। विशेष टीम ने इस मामले में परिवादी सुनील कुमार के बैंक खाते में 10 लाख की रकम रिफंड करवा दी है।

इसके अनुसार साइबर ठगी गिरोह के सदस्यों ने सबसे पहले भारत सरकार के उद्यम पोर्टल पर सुधीर इन्टरप्राईजेज के नाम से फर्जी फर्म का रजिस्ट्रेशन किया। उसके बाद फर्म के नाम से मोहर बना बैंक में फर्जी फर्म व सुधीर यादव नाम से चालू खाता खोला। उसके बाद उक्त खाते को साइबर धोखाधड़ी करने में उपयोग किया गया।

इस खाते के खिलाफ महाराष्ट्र से नौ, तेलंगाना से सात, आन्ध्र प्रदेश में छह, कनार्टक से पांच, तमिलनाडू से चार, राजस्थान व केरल से तीन-तीन, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, गुजरात व पश्चिम बंगाल से दो-दो एवं हरियाणा, पंजाब, ओडिशा व छतीसगढ़ से एक-एक यानी कुल साइबर धोखाधड़ी के 51 मामले दर्ज है। इसमें ठगी की कुल राशि दस करोड़ एक लाख अस्सी हजार आठ सौ पैंसठ रूपये हैं।

भाषा

पृथ्‍वी, रवि कांत

रवि कांत