New Delhi Railway Station Stampede: इस वजह से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, देखते ही देखते चली गई 18 लोगों की जान, जांच के लिए बनी कमेटी

इस वजह से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, देखते ही देखते चली गई 18 लोगों की जान, Reasons behind the stampede at New Delhi Railway Station revealed

New Delhi Railway Station Stampede: इस वजह से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, देखते ही देखते चली गई 18 लोगों की जान, जांच के लिए बनी कमेटी

New Delhi Railway Station Stampede | ANI

Modified Date: February 16, 2025 / 08:03 am IST
Published Date: February 16, 2025 7:29 am IST
HIGHLIGHTS
  • रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात करीब 9:26 बजे भगदड़ से 18 लोगों की मौत
  • नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नंबर 13, 14 और 15 के बीच हुआ
  • प्रयागराज जाने वाली 3 ट्रेनें लेट होने की वजह से बढ़ी भीड़

नई दिल्लीः New Delhi Railway Station Stampede नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात करीब 9:26 बजे भगदड़ से 18 लोगों की मौत हो गई। इनमें 14 महिलाएं और 3 बच्चे हैं। 25 से ज्यादा लोग घायल हैं। लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल (LNJP) ने मौत की पुष्टि की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की और कहा कि अधिकारी इससे प्रभावित सभी लोगों की सहायता में जुटे हैं।

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New Delhi Railway Station Stampede बता दें कि हादसा प्लेटफॉर्म नंबर 13, 14 और 15 के बीच हुआ। महाकुंभ जाने के लिए स्टेशन पर शाम 4 बजे से भीड़ जुटने लगी थी। रात को करीब 8:30 बजे प्रयागराज जाने वाली 3 ट्रेनें लेट हो गईं, जिससे भीड़ बढ़ी और भगदड़ मच गई। इससे पहले 29 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ में 30 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 10 फरवरी 2013 को कुंभ के दौरान प्रयागराज स्टेशन पर भगदड़ मची थी। हादसे में 36 लोग मारे गए थे।

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बिना टिकट वाले लोग प्लेटफॉर्म पर कैसे पहुंचे?

कई चश्मदीदों ने शिकायत की कि उनके पास कंफर्म टिकट था, लेकिन वे ट्रेन में नहीं बैठ सके। बिना टिकट वाले या जनरल टिकट वाले लोगों ने ट्रेन के दरवाजों पर भीड़ कर रखी थी। भीड़ में कई यात्रियों के सामान भी चोरी हो गए। जनरल और स्लीपर छोड़िए, एसी कोचों में भी पैर रखने की जगह नहीं थी। जिन यात्रियों के पास कंफर्म टिकट था, वे भी नीचे उतर गए, क्योंकि कोच के अंदर भारी भीड़ होने के कारण दम घुट रहा था। भीड़ को कम करने के लिए रेलवे ने रात 12:30 बजे से स्पेशल ट्रेनें चलाईं। कई लोगों के पास टिकट नहीं थे। उन्होंने कहा कि वे प्लेटफॉर्म में प्रवेश कर गए। वे टिकट खरीदना चाहते थे, लेकिन ज्यादातर ट्रेनों में टिकट उपलब्ध नहीं था।


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।