धार्मिक संगठनों को शिक्षा के मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए: मंत्री शिवनकुट्टी

धार्मिक संगठनों को शिक्षा के मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए: मंत्री शिवनकुट्टी

धार्मिक संगठनों को शिक्षा के मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए: मंत्री शिवनकुट्टी
Modified Date: July 10, 2025 / 12:34 pm IST
Published Date: July 10, 2025 12:34 pm IST

तिरुवनंतपुरम, 10 जुलाई (भाषा) केरल में स्कूल के समय में बदलाव को लेकर सुन्नी मुस्लिमों के एक संगठन के विरोध की खबरों के बीच राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने बृहस्पतिवार को कहा कि धार्मिक संगठनों को शिक्षा के मामलों में ‘‘अनावश्यक हस्तक्षेप’’ नहीं करना चाहिए।

सुन्नी मुस्लिमों के जाने माने संगठन समस्त केरल जमीयत उल उलेमा ने कथित तौर पर स्कूल के समय को 30 मिनट बढ़ाने के सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन शुरू करने का फैसला किया है।

संगठन ने चिंता व्यक्त की है कि स्कूलों के समय में संशोधन के कारण लगभग 12 लाख विद्यार्थियों की मदरसा शिक्षा प्रभावित होगी।

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इस मसले पर एक टीवी चैनल द्वारा पूछे गए सवाल पर मंत्री ने कहा कि समाज के किसी खास वर्ग के लिए परीक्षा या स्कूल का समय निर्धारित नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार ऐसा नहीं कर सकती।’’

शिवनकुट्टी ने कहा कि उनकी नजर में संशोधित समय वापस लेने की मांग ‘‘अलोकतांत्रिक’’ है और यह मांग ‘‘धमकी’’ भरे लहजे में की गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘कई अन्य संगठन भी ऐसी मांगें कर रहे हैं। लेकिन, अगर हम इन सभी संगठनों की मांगें मान लें तो स्कूल चलाना मुश्किल हो जाएगा।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘धार्मिक संगठनों को शिक्षा के मामलों में अनावश्यक रूप से हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इस तरह का हस्तक्षेप किसी भी कारण से स्वीकार नहीं किया जा सकता।’’

मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह एक ऐसा निर्णय है जो सरकार को लेना है क्योंकि इससे 30-35 लाख छात्रों की शिक्षा प्रभावित होती है।

शिवनकुट्टी ने कहा कि स्कूल का समय प्रत्येक माह में 16 दिन के लिए (शुक्रवार को छोड़कर) सुबह और दोपहर में 15-15 मिनट बढ़ा दिया गया है।

भाषा

खारी नरेश

नरेश


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