नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि बांद्रा में बम्बई उच्च न्यायालय के नए परिसर के निर्माण के लिए शेष भूमि मार्च 2026 के अंत तक सौंप दी जाएगी।
राज्य सरकार ने 21 जुलाई को शीर्ष अदालत को बताया था कि नए परिसर के निर्माण के लिए निर्धारित 17.45 एकड़ भूमि में से 15.33 एकड़ भूमि पर कब्जा लिया जा चुका है।
प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार की दलीलें सुनीं और शुरू में यह विचार व्यक्त किया कि ‘‘बम्बई उच्च न्यायालय के विरासत भवन और उच्च न्यायालय के लिए अतिरिक्त भूमि का आवंटन’’ मुद्दे पर स्वतः लिये गये संज्ञान मामले का निपटारा किया जा सकता है।
पीठ ने हालांकि वकीलों की दलीलों पर गौर करते हुए मामले को लंबित रखने का फैसला किया और अगली सुनवाई अगले साल अप्रैल के लिए निर्धारित कर दी।
पीठ ने इससे पहले कहा था कि जहां तक जमीन के बचे हुए छोटे हिस्से का सवाल है, मौजूदा ढांचों को हटाने के लिए बातचीत जारी है और जल्द ही इसे अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।
महाराष्ट्र सरकार के वकील ने कहा था कि वास्तुकार की नियुक्ति, परियोजना को अंतिम रूप देने और राज्य की उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा बजटीय व्यय को मंजूरी देने जैसे कार्य प्रगति पर हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने 16 जनवरी को न्यायालय को सूचित किया कि भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन समारोह 23 सितंबर, 2024 को किया गया था।
पिछले साल अक्टूबर में राज्य सरकार ने कहा था कि कुल 30.16 एकड़ भूमि का कब्जा चरणबद्ध तरीके से उच्च न्यायालय को सौंप दिया जाएगा।
बम्बई उच्च न्यायालय की स्थापना 16 अगस्त, 1862 को हुई थी और वर्तमान में इसका परिसर फ्लोरा फाउंटेन (हुतात्मा चौक) के पास स्थित है।
उच्च न्यायालय में नवंबर, 1878 से मामलों की सुनवाई शुरू हुई थी।
सुरक्षा संबंधी चिंताओं और अधिक स्थान की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बांद्रा में उच्च न्यायालय का एक नया परिसर बनाने का प्रस्ताव रखा गया था।
भाषा जितेंद्र अविनाश
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