Removing Girl's Innerwear, Undressing Oneself Not 'Attempt To Rape'

Rajasthan HC Decision: लड़की के इनरवियर उतारना ‘दुष्कर्म की कोशिश नहीं’, लेकिन अपराध है, राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

Rajasthan HC Decision: हाईकोर्ट ने माना है कि किसी लड़की के इनरवियर उतारना 'बलात्कार के प्रयास' के अपराध के दायरे में नहीं आता

Edited By :   Modified Date:  June 10, 2024 / 10:45 AM IST, Published Date : June 10, 2024/10:45 am IST

जयपुर : Rajasthan HC Decision: देश भर में दुष्कर्म के अपराध को लेकर कई अलग-अलग तरीके के नियम है। हर नियम का अपना एक मतलब होता है। वहीं अब राजस्थान हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए एक बड़ा फैसला सुनाया है। इस फैसले के सामने आने के बाद हर तरफ चर्चा शुरू हो गई है कि, हाईकोर्ट का ये फैसला सही है या नहीं।

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इनरवियर उतारना अपराध

Rajasthan HC Decision:  दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए माना है कि किसी लड़की के इनरवियर उतारना और बिना कुछ पहने खुद को निर्वस्त्र करना आईपीसी की धारा 511, धारा 376 के तहत ‘बलात्कार के प्रयास’ के अपराध के दायरे में नहीं आता है। वहीं कोर्ट ने आगे यह माना कि यह हमले के अपराध के दायरे में आएगा। क्योंकि आईपीसी की धारा 354 के तहत महिला की लज्जा भंग करना दंडनीय अपराध है। मामले मी सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढांड की पीठ ने आरोपी को केस से बरी कर दिया।

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हाईकोर्ट ने कही ये बात

Rajasthan HC Decision:  मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि “पहला चरण तब होता है जब अपराधी पहले अपराध करने का विचार या इरादा रखता है। दूसरे चरण में, वह इसे करने की तैयारी करता है। तीसरा चरण तब आता है जब अपराधी अपराध करने के लिए जानबूझकर प्रत्यक्ष कदम उठाये। यदि ऐसा नहीं है तो वह रेप केस के दायरे में नहीं आता है।

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