दिल्ली विस्फोट का सोशल मीडिया पर ‘राजनीतिकरण’ करने के आरोप में सेवानिवृत्त प्राचार्य हिरासत में
दिल्ली विस्फोट का सोशल मीडिया पर ‘राजनीतिकरण’ करने के आरोप में सेवानिवृत्त प्राचार्य हिरासत में
गुवाहाटी, 11 नवंबर (भाषा) दिल्ली विस्फोट की घटना का सोशल मीडिया के जरिये कथित तौर ‘राजनीतिकरण’ करने की कोशिश करने के मामले में कछार जिले से एक स्कूल के सेवानिवृत्त प्राचार्य को मंगलवार को हिरासत में लिया गया। असम पुलिस ने यह जानकारी दी।
कछार जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) पार्थ प्रोतिम दास ने बताया कि पुलिस ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया और नजरुल इस्लाम बरभुइयां को पूछताछ के लिए तलब किया।
पुलिस ने बताया कि सिलचर शहर के रंगपुर क्षेत्र निवासी बरभुइयां को पहले सिलचर सदर पुलिस थाने और बाद में पूछताछ के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय ले जाया गया।
दास ने बताया कि कछार स्थित बांसकांडी एनएमएचएस स्कूल के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त हुए बरभुइयां ने दिल्ली विस्फोट पर टिप्पणी करते हुए लिखा था, ‘‘चुनाव नजदीक आ रहे हैं।’’
पुलिस ने दावा किया कि यह टिप्पणी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी घटना का ‘‘राजनीतिकरण’’ करने के लिए की गई थी।
दास ने कहा, ‘‘उस व्यक्ति ने दिल्ली विस्फोट की खबर पर टिप्पणी करते हुए चुनावों का हवाला दिया और राष्ट्रीय सुरक्षा के एक संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश की। क्या यह टिप्पणी किसी खास मकसद से की गई थी, इसकी जांच की जा रही है।’’
उन्होंने कहा कि बरभुइयां को ‘‘उसके पोस्ट के पीछे की मंशा और संभावित असर की जांच करने के लिए हिरासत में लिया गया है।’’
एसएसपी ने कहा, ‘‘दिल्ली में हुई घटना की प्रकृति को देखते हुए, इस तरह की टिप्पणियों से गलत सूचना फैल सकती है या अनावश्यक अटकलें लगाई जा सकती हैं। हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने इससे पहले दावा किया था कि धमाके के बाद से लोगों का एक वर्ग फेसबुक पर या तो खबर का स्वागत करते हुए पोस्ट कर रहा है या फिर खुशी वाले इमोजी डाल रहा है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष अप्रैल में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भी ऐसी ही प्रवृत्ति देखने को मिली थी।
शर्मा ने कहा, ‘‘इसका अभिप्राय है कि ये लोग आतंकवादियों का समर्थन कर रहे हैं। हम कल रात से ही उनकी पृष्ठभूमि की जांच कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर हम उनमें से कुछ को गिरफ्तार भी करेंगे ताकि असम में आतंकवाद फिर से पनप न सके या उसे बढ़ावा न मिले।’’
एसएसपी ने नागरिकों से अपील की कि वे अपुष्ट या राजनीतिक रूप से प्रेरित सामग्री को सोशल मीडिया पर साझा करने से बचें क्योंकि यह मामले की जांच में बाधा उत्पन्न कर सकती है।
भाषा धीरज प्रशांत
प्रशांत

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