स्वच्छ पर्यावरण रिहायशी इलाके के लोगों का अधिकार, इसे झुठलाया नहीं जा सकता : एनजीटी

स्वच्छ पर्यावरण रिहायशी इलाके के लोगों का अधिकार, इसे झुठलाया नहीं जा सकता : एनजीटी

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  • Publish Date - October 23, 2020 / 09:40 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:44 PM IST

नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने हरियाणा की एक औद्योगिक इकाई की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा है कि स्वच्छ पर्यावरण किसी स्थान पर रहने वाले लोगों का अधिकार है, जिसे झुठलाया नहीं सकता।

एनजीटी ने इकाई को वायु प्रदूषण फैलाने के लिए जिम्मेदार मानते हुए राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इसे बंद करने का आदेश दिया था, जिसपर पुनर्विचार के लिये इकाई ने याचिका दायर की थी।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि विशेषज्ञ समिति ने पाया है कि स्वीकृत शर्तों और वायु गुणवत्ता के मापदंडों का उल्लंघन कर औद्योगिक इकाई का संचालन किया जा रहा है।

हालांकि याचिकाकर्ता एसएसएफ पॉलीमर्स लिमिटेड को दूसरी जगह जाने का समय मांगने के लिये प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जाने की छूट मिल गई है।

एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि स्वच्छ पर्यावरण किसी रिहायशी इलाके में रहने वाले लोगों का अधिकार है, जिसे किसी भी तरह झुठलाया नहीं जा सकता। लेकिन रिहायशी इलाकों में प्रदूषण फैलाने वाली किसी भी औद्योगिक गतिविधि की अनुमति नहीं दी जा सकती।

भाषा

जोहेब मनीषा

मनीषा