दक्षिणपंथी ताकतें धर्म की आड़ में नफरत फैलाकर भारत की आबोहवा में जहर घोल रही हैं : अभिषेक बनर्जी
दक्षिणपंथी ताकतें धर्म की आड़ में नफरत फैलाकर भारत की आबोहवा में जहर घोल रही हैं : अभिषेक बनर्जी
कोलकाता, 26 दिसंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने देश की ‘दक्षिणपंथी ताकतों’ की कड़ी निंदा करते हुए उन पर धर्म की आड़ में नफरत फैलाकर ‘जानबूझकर भारत की आबोहवा में जहर घोलने’ का शुक्रवार को आरोप लगाया।
बनर्जी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का एक पुराना वीडियो क्लिप भी साझा किया, जिसमें उनके साथ उस समय के गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी खड़े दिखाई देते हैं। इस भाषण में वाजपेयी ने सत्तारूढ़ दल से “राज धर्म” का पालन करने और लोगों के साथ उनके “जन्म, जाति या धर्म” के आधार पर किसी भी तरह का भेदभाव न करने की आवश्यकता पर जोर दिया था।
बनर्जी की टिप्पणियां ऐसे दिन आई है, जब पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के प्रवासी मजदूर जुएल शेख का शव अंतिम संस्कार के लिए उसके पैतृक गांव लाया गया था।
शेख की बुधवार को ओडिशा के संबलपुर में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
हालांकि, ओडिशा पुलिस ने कहा है कि यह लक्षित हत्या नहीं, बल्कि व्यक्तिगत विवाद के कारण हुई थी, लेकिन अपराध के एक गवाह और हमले के एक सह-पीड़ित ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों को बांग्लादेशी नागरिक होने के संदेह पर अपनी राष्ट्रीयता साबित करने के लिए कहा गया था।
बनर्जी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “जानबूझकर भारत की आबोहवा में जहर घोला जा रहा है। सत्ता से उत्साहित दक्षिणपंथी ताकतें धर्म की आड़ में दलितों, अनुसूचित जनजातियों और अल्पसंख्यकों पर खुलेआम हमला कर रही हैं।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि जब सत्ता में बैठे लोग ही इस हिंसा के अपराधी होते हैं और इस हिंसा के संरक्षकों को पुरस्कृत करते हैं, तो दंडमुक्ति ही नीति बन जाती है।
टीएमसी के सांसद ने पोस्ट में कहा, ‘‘यह शासन नहीं है; यह नैतिक पतन है। ये हमले असंवैधानिक और गैरकानूनी हैं और भारत की बुनियाद – हमारी विविधता में एकता – को चकनाचूर कर देते हैं। आज चुप्पी साधना मिलीभगत है। इतिहास इसे माफ नहीं करेगा।’’
टैग किए गए वीडियो में वाजपेयी के बगल में वर्तमान प्रधानमंत्री और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री मोदी बैठे हुए हैं तथा पूर्व प्रधानमंत्री सत्तारूढ़ दल को राजधर्म का पालन करने का संदेश देते नजर आते हैं।
वीडियो में वाजपेयी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘‘मैं राजधर्म का पालन करने का प्रयास कर रहा हूं। राजा और शासक अपनी प्रजा के बीच जन्म, जाति या धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं कर सकता।’’
भाषा यासिर दिलीप
दिलीप

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