आरआरटीएस परियोजना: न्यायालय ने दिल्ली सरकार को धन मुहैया कराने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया

आरआरटीएस परियोजना: न्यायालय ने दिल्ली सरकार को धन मुहैया कराने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया

आरआरटीएस परियोजना: न्यायालय ने दिल्ली सरकार को धन मुहैया कराने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया
Modified Date: December 13, 2023 / 10:22 pm IST
Published Date: December 13, 2023 10:22 pm IST

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने क्षेत्रीय तीव्र पारगमन प्रणाली (आरआरटीएस) गलियारे के लिए कोष मुहैया कराने में दिल्ली सरकार की ओर से की जा रही देरी पर बुधवार को नाराजगी जताई और धन मुहैया कराने के लिए उसे एक हफ्ते का वक्त दिया।

आरआरटीएस परियोजना के तहत ‘सेमी-हाई-स्पीड’ रेल गलियारे के माध्यम से दिल्ली को उत्तर प्रदेश में मेरठ, राजस्थान के अलवर और हरियाणा के पानीपत से जोड़ा जाना है।

पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा, ”आप मुझसे मेरे पहले के आदेश को फिर से बहाल करायेंगे।” पीठ में न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया भी शामिल थे।

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शीर्ष अदालत ने 21 नवंबर को परियोजना के लिए धन उपलब्ध नहीं कराने को लेकर दिल्ली सरकार की खिंचाई की थी और कहा था कि विज्ञापन के लिए आवंटित धन को परियोजना के लिए मुहैया कराया जाना चाहिए।

पीठ ने पिछले महीने के अपने आदेश में कहा था, “ दिल्ली सरकार के वकील के अनुरोध पर, हम इस आदेश को एक सप्ताह की अवधि के लिए स्थगित करते हैं और यदि धनराशि अंतरित नहीं की जाती है, तो आदेश लागू हो जाएगा।”

बुधवार को सुनवाई के दौरान, पीठ से दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि सरकार ने दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर गलियारे के लिए बजट का प्रावधान किया है, लेकिन वह केंद्र की मंजूरी का इंतजार कर रही है।

पीठ ने कहा, “ अन्य राज्य पहले ही 2019 और 2020 में धनराशि मुहैया करा चुके हैं और (केंद्र) सरकार की ओर से उपस्थित अटॉर्नी जनरल का कहना है कि जहां तक औपचारिक अनुमोदन का संबंध है, कोई समस्या नहीं है।”

पीठ ने कहा, “ हम दिल्ली सरकार को राशि अंतरित करने के लिए सात दिन का समय देते हैं। कहने की जरूरत नहीं है कि दिल्ली सरकार तय कार्यक्रम का पालन करना जारी रखेगी और इस अदालत को 21 नवंबर 2023 के आदेश को फिर से बहाल करने का मौका नहीं देगी।”

शीर्ष अदालत परियोजना के लिए दिल्ली सरकार द्वारा धन का भुगतान न करने से संबंधित एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी।

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि केंद्र को दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर गलियारे को मंजूरी देनी है। इसपर न्यायमूर्ति कौल ने कहा, ‘आप चाहते हैं कि मैं इस स्तर पर सख्त रुख अपनाऊं, मुझे कोई झिझक नहीं है। लेकिन आप बच नहीं सकते…।’

पीठ ने कहा, ”यह एक नया बहाना है…यह उचित नहीं है।”

भाषा नोमान संतोष

संतोष


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