Publish Date - April 2, 2025 / 09:37 AM IST,
Updated On - April 2, 2025 / 09:46 AM IST
HIGHLIGHTS
सायरा बानो को उत्तराखंड महिला आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
सायरा बानो ने 2016 में तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी
देहरादूनः Saira Bano उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक की लड़ाई लड़ने वाली सायरा बानो महिला आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। पूर्व में त्रिवेंद्र सरकार में उन्हें महिला आयोग की उपाध्यक्ष बनाया गया था। सायरा बानो उत्तराखंड के उधमसिंह नगर के काशीपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने तीन तलाक के खिलाफ कानूनी जंग लड़ी थी। तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके हक में आया था।
Saira Bano बता दें कि सायरा बानो तब सुर्खियों में आई थी, जब उन्होंने साल 2016 में ट्रिपल तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की थी। साल 2018 में मोदी सरकार द्वारा तीन तलाक पर कानून बनाते हुए आरोपियों को जेल भेजने का प्रावधान किया गया था। गौरतलब है कि काशीपुर निवासी सायरा बानो का विवाह साल 2002 में प्रयागराज निवासी प्रॉपर्टी डीलर रिजवान अहमद से हुआ था। 2015 में रिजवान द्वारा उन्हें तीन तलाक दे दिया था। जिसके बाद उन्होंने साल 2016 में तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक मानते हुए उनके पक्ष में फैसला सुनाया था।
बता दें कि वह 2020 में बीजेपी में शामिल हो गई थीं। बीजेपी में शामिल होने पर सायरा बानो ने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी की नीतियों से प्रेरित होकर वो पार्टी में शामिल हुईं हैं। वो महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करती रहेंगी।
सायरा बानो कौन हैं और उन्हें महिला आयोग का उपाध्यक्ष क्यों नियुक्त किया गया?
सायरा बानो उत्तराखंड की उधमसिंह नगर की काशीपुर की निवासी हैं, जिन्होंने तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ी थी। उनकी संघर्ष की वजह से उन्हें महिला आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
सायरा बानो ने तीन तलाक के खिलाफ कौन सा कदम उठाया था?
सायरा बानो ने 2016 में सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसके बाद 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया और उनके पक्ष में फैसला सुनाया।
सायरा बानो ने बीजेपी में क्यों शामिल होने का निर्णय लिया?
सायरा बानो ने 2020 में बीजेपी जॉइन की थी और उनका कहना था कि वे पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी की नीतियों से प्रेरित होकर पार्टी में शामिल हुईं और महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करती रहेंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक के खिलाफ क्या फैसला दिया था?
सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया और इसे समाप्त कर दिया था, जो सायरा बानो की याचिका के बाद हुआ था।
सायरा बानो का विवाह किससे हुआ था और उन्हें तीन तलाक कब मिला?
सायरा बानो का विवाह 2002 में प्रयागराज निवासी प्रॉपर्टी डीलर रिजवान अहमद से हुआ था, और 2015 में रिजवान ने उन्हें तीन तलाक दे दिया था।