Anganwadi Workers Salary increase: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को तीज त्योहार का बड़ा तोहफा, अब हर महीने 24,800 रुपए मिलेगा वेतन
Anganwadi Workers Salary increase: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को तीज त्योहार का बड़ा तोहफा, अब हर महीने 24,800 रुपए मिलेगा वेतन
Anganwadi Workers Salary Increase | Photo Credit: IBC24
- हाईकोर्ट ने वेतन बढ़ाकर ₹24,800 (कार्यकर्ता) और ₹20,300 (सहायिका) किया
- नया वेतन 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा
- गुजरात में करीब 1 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं इसका लाभ पाएंगी
नई दिल्ली: Anganwadi Workers Salary Increase आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं लिए एक अच्छी खबर निकलकर सामने आई है। लंबे समय से न्यूनतम सैलरी का इंतजार कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को हाईकोर्ट ने बड़ी सौगात दे दी है। जिसके बाद अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के चेहरे पर मुस्कान आ गई है।
Anganwadi Workers Salary Increase दरअसल, गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (एडब्ल्यूडब्ल्यू) और सहायिकाओं (एडब्ल्यूएच) को दिए जाने वाले न्यूनतम मासिक वेतन को क्रमशः 10,000 और 5,500 रुपये से बढ़ाकर 24,800 और 20,300 रुपये कर दिया है। न्यायमूर्ति एएस सुपेहिया और न्यायमूर्ति आरटी वचाहानी की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को न्यूनतम मासिक वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने अपने निर्देश में कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 24,800 रुपये और साहायिकाओं को 20300 रुपए नए वेतन भुगतान किया जाए। साथ ही बकाए का भुगतान एक अप्रैल, 2025 से किया जाएगा। आंगनवाड़ी केंद्र का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के नेटवर्क के माध्यम से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रारंभिक देखभाल प्रदान करना है।
अदालत ने ये भी कहा कि, “आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए क्रमशः 10,000 रुपये और 5,500 रुपये की मामूली राशि से खर्च चलाना मुश्किल होता है। विडंबना यह है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं, नाबालिगों के स्वास्थ्य और शिक्षा की ज़रूरतों को पूरा करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं, उचित पारिश्रमिक के अभाव में सम्मान व गरिमा के साथ जीवन जीने से वंचित हैं।” साल 2024 में साझा किए गए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गुजरात में सामूहिक रूप से लगभग एक लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं थीं।

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