नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) सरकार समग्र शिक्षा अभियान योजना का विस्तार करने जा रही है जिसके तहत अगले एक वर्ष में चरणबद्ध तरीके से स्कूलों में बाल वाटिका, स्मार्ट कक्षा की व्यवस्था की जायेगी तथा प्रशिक्षित शिक्षकों एवं रचनात्मक शिक्षण विधियों का विकास किया जायेगा ।
शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप समग्र शिक्षा अभियान की पुनर्गठित योजना के विषय में पिछले महीने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक में इसमें आने वाले खर्च की समीक्षा की ।
मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, समग्र शिक्षा अभियान के विस्तार के तहत स्कूलों में ऐसा समावेशी और खुशहाल स्कूली वातावरण तैयार करने पर जोर दिया जायेगा जो विविध पृष्ठभूमियों, बहुभाषी जरूरतों और बच्चों की विभिन्न अकादमिक क्षमताओं का ख्याल रखता हो ।
इसके तहत अगले एक वर्ष में चरणबद्ध तरीके से बाल वाटिका स्थापित करने के साथ शिक्षक पाठ्य सामग्री (टी एल एम) तैयार की जायेगी, साथ ही स्मार्ट कक्षा की भी व्यवस्था की जायेगी ।
समग्र शिक्षा अभियान का दायरा बढ़ाते हुए विशेष मदद की जरुरतों वाली बालिकाओं के लिए अलग से मानदेय की व्यवस्था तथा प्रखंड स्तर पर विशेष जरूरत वाले बच्चों और उनके लिए बनाए गए केन्द्रों की पहचान की व्यवस्था की जायेगी ।
इसमें सीखने की प्रक्रियाओं की निगरानी, बच्चों के एक स्कूल से दूसरे स्कूल में प्रवेश सुगम बनाने के साथ उर्दू और हिंदी भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति, शिक्षकों के क्षमता विकास एवं प्रशिक्षण कार्य पर खास ध्यान दिया जायेगा ।
गौरतलब है कि हाल में पेश केंद्रीय बजट प्रस्तावों में कहा गया है कि देश के 15,000 से अधिक स्कूलों का विकास राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी पक्षों को शामिल करते हुए किया जायेगा जिससे देश में शिक्षा की गुणवता को मजबूत किया जा सके और वे अपने क्षेत्र के लिए बेहतर स्कूल के उदाहरण के रुप में उभर सकें ।
भाषा दीपक
दीपक उमा
उमा
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