संध्या माझी ओडिशा की पहली महिला सरकारी ड्राइवर बनीं

संध्या माझी ओडिशा की पहली महिला सरकारी ड्राइवर बनीं

संध्या माझी ओडिशा की पहली महिला सरकारी ड्राइवर बनीं
Modified Date: July 14, 2025 / 03:32 pm IST
Published Date: July 14, 2025 3:32 pm IST

भुवनेश्वर, 14 जुलाई (भाषा) ओडिशा के मयूरभंज जिले की 45 वर्षीय संध्या रानी माझी राज्य में सरकारी वाहन चालक के रूप में नियुक्त होने वाली पहली महिला बन गई हैं। अधिकारियों ने इस घटनाक्रम को ओडिशा में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम करार दिया है।

मयूरभंज के सुलेईपत गांव की रहने वाली संध्या का सफर दृढ़ संकल्प और साहस की कहानी बयां करता है।

वह कहती हैं, ‘‘मुझे बचपन से ही कार और ड्राइविंग का शौक रहा है। यह (कार चलाना) हमेशा से मेरा सपना था।’’

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उन्होंने मोटरसाइकिल चलाकर अपने सपनों को जीना शुरू किया और बाद में कार चलाने लगीं।

स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद संध्या ने मयूरभंज जिले के जशीपुर इलाके के एक ड्राइवर से शादी कर ली और बाद में टैक्सी चलाने लगीं।

उन्होंने 2011 में हल्का मोटर वाहन लाइसेंस हासिल किया। राज्य परिवहन प्राधिकरण के तहत आने वाले जाजपुर जिले के छतिया ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद 2023 में उन्हें भारी मोटर वाहन लाइसेंस मिला।

अधिकारियों ने बताया कि संध्या ने बीच में पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण भुवनेश्वर के एक ब्यूटी पार्लर में भी काम किया।

संध्या ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘एक दिन मेरे पास छतिया ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र से फोन आया। मुझे बताया गया कि राज्य सरकार में ड्राइवर का पद खाली है। मैंने हामी भर दी और (इस साल) 25 जून से ड्यूटी करने लगी। मैं अपनी नयी भूमिका में काफी खुश हूं।’’

संध्या वाणिज्य एवं परिवहन विभाग की प्रधान सचिव उषा पाढ़ी का आधिकारिक वाहन चलाती हैं।

पाढ़ी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘संध्या रानी की साहसिक यात्रा ने लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ दिया है और ओडिशा में अनगिनत महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने का मार्ग प्रशस्त किया है।’’

उपमुख्यमंत्री एवं महिला और बाल विकास विभाग की प्रभारी प्रवती परिदा ने संध्या को बधाई दी और कहा कि यह ओडिशा में महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ी उपलब्धि है।

परिदा ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं ओडिशा की पहली महिला सरकारी चालक संध्या रानी माझी को हार्दिक बधाई देती हूं। परिवहन विभाग की पहल सराहनीय है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नया अध्याय जुड़ गया है।’’

भाषा पारुल मनीषा

मनीषा


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