न्यायालय ने ईवीएम सत्यापन फैसले के अनुपालन के लिए एनजीओ की याचिका पर सुनवाई स्थगित की

न्यायालय ने ईवीएम सत्यापन फैसले के अनुपालन के लिए एनजीओ की याचिका पर सुनवाई स्थगित की

न्यायालय ने ईवीएम सत्यापन फैसले के अनुपालन के लिए एनजीओ की याचिका पर सुनवाई स्थगित की

CG News Live Today: IBC 24

Modified Date: January 21, 2025 / 10:56 pm IST
Published Date: January 21, 2025 10:56 pm IST

नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) सत्यापन और संबंधित प्रक्रियाओं पर उसके फैसले का कड़ाई से अनुपालन कराने के अनुरोध वाली एक गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई 11 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी।

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की विशेष पीठ एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की अंतरिम याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें निर्वाचन आयोग को ईवीएम की बर्न्ट मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच और सत्यापन करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

बर्न्ट मेमोरी का मतलब प्रोग्रामिंग चरण पूरा होने के बाद मेमोरी को स्थायी रूप से लॉक कर देना होता है। इससे उसमें दर्ज डेटा से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।

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न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा, “जब पहले इसी तरह का मामला दायर किया गया था, तो मैंने गुण-दोष के आधार पर उसे खारिज करने का आदेश सुनाना शुरू किया था और तब ए.एम. सिंघवी (वरिष्ठ अधिवक्ता) ने कहा था कि वह इसे वापस ले रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “अब ऐसा नहीं होना चाहिए। इसलिए स्पष्टीकरण होना चाहिए।”

याचिकाकर्ता एनजीओ की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि एडीआर का इस याचिका से कोई लेना-देना नहीं है। भूषण ने कहा, “कृपया अदालत से रिकॉर्ड मंगवाएं।”

पीठ ने रजिस्ट्री से पहले के मामले के रिकॉर्ड पेश करने को कहा।

प्रधान न्यायाधीश ने सुनवाई 11 फरवरी तक स्थगित करते हुए कहा, “करण सिंह दलाल (मामले) के अदालती रिकॉर्ड भी अदालत को दिए जाएंगे…।”

एनजीओ ने पिछले साल 23 दिसंबर को एक याचिका दायर कर निर्वाचन आयोग को फैसले का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश देने की मांग की थी।

भाषा प्रशांत रवि कांत


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