पुरुषों और महिलाओं के लिए शादी की उम्र समान करने की मांग वाली याचिका न्यायालय ने खारिज की

पुरुषों और महिलाओं के लिए शादी की उम्र समान करने की मांग वाली याचिका न्यायालय ने खारिज की

पुरुषों और महिलाओं के लिए शादी की उम्र समान करने की मांग वाली याचिका न्यायालय ने खारिज की
Modified Date: February 20, 2023 / 04:07 pm IST
Published Date: February 20, 2023 4:07 pm IST

नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने पुरुषों और महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम उम्र एक समान करने की मांग वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी और कहा कि कुछ मामले संसद के लिए होते हैं तथा अदालतें कानून नहीं बना सकतीं।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत संसद को विधेयक पारित करने के लिए आदेश नहीं दे सकती।

याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘हम यहां कानून नहीं बना सकते। हमें यह नहीं मानना चाहिए कि हम संविधान के इकलौते संरक्षक हैं। संसद भी संरक्षक है।’’

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शीर्ष अदालत वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने पुरुषों और महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र एक समान करने की मांग की थी।

भारत में पुरुषों को 21 वर्ष की उम्र में विवाह करने की अनुमति है, जबकि महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम आयु 18 साल है।

भाषा वैभव नरेश

नरेश


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