Bail to Mehmoodabad: न्यायालय ने प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को दी जमानत, मामले की जांच के लिए SIT गठित करने को कहा |

Bail to Mehmoodabad: न्यायालय ने प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को दी जमानत, मामले की जांच के लिए SIT गठित करने को कहा

SC grants interim bail to Mehmoodabad: न्यायालय ने महमूदाबाद को अंतरिम जमानत दी, मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने को कहा

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Modified Date: May 21, 2025 / 02:16 PM IST
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Published Date: May 21, 2025 1:55 pm IST
HIGHLIGHTS
  • ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संबंध में सोशल मीडिया पर कथित आपत्तिजनक पोस्ट
  • अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को बुधवार को अंतरिम जमानत
  • भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर कोई और ऑनलाइन पोस्ट लिखने पर रोक

नयी दिल्ली:  SC grants interim bail to Mehmoodabad, उच्चतम न्यायालय ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संबंध में सोशल मीडिया पर कथित आपत्तिजनक पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को बुधवार को अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन उनके खिलाफ जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को निर्देश दिया कि वह मामले की जांच के लिए 24 घंटे के भीतर आईजी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करें, जिसमें एसपी रैंक की एक महिला अधिकारी भी शामिल हो।

सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर की ऑनलाइन पोस्ट की जांच-पड़ताल करने वाली पीठ ने उनके शब्दों के चयन पर सवाल उठाते हुए कहा कि इनका इस्तेमाल जानबूझकर दूसरों को अपमानित करने या उन्हें असहज करने के लिए किया गया था।

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Bail to Mehmoodabad पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि हालांकि सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है, लेकिन महमूदाबाद के बयानों को कानून की नजर में ‘डॉग व्हिसलिंग’ (किसी का समर्थन पाने के लिए गुप्त संदेश वाली) भाषा कहा जाता है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘जब देश में इतनी सारी चीजें हो रही थीं, तो उनके पास इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करने का मौका कहां था, जो अपमानजनक और दूसरों को असहज करने वाले हो सकते हैं। वह एक विद्वान व्यक्ति हैं, उनके बारे में यह नहीं कहा जा सकता कि उनके पास शब्दों की कमी है।’’

पीठ ने प्रोफेसर के हाल के भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर कोई और ऑनलाइन पोस्ट लिखने पर रोक लगा दी और उनसे एसआईटी जांच में सहयोग करने को कहा। सोनीपत की एक अदालत ने मंगलवार को महमूदाबाद को 27 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

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अली खान महमूदाबाद को किस मामले में गिरफ्तार किया गया था?

उत्तर: प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को 'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में सोशल मीडिया पर कथित आपत्तिजनक पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। इस पोस्ट को कथित तौर पर देशविरोधी या भड़काऊ भाषा के रूप में देखा गया।

सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें क्या राहत दी है?

उत्तर: उच्चतम न्यायालय ने प्रोफेसर महमूदाबाद को अंतरिम जमानत (interim bail) प्रदान की है। हालांकि, उनके खिलाफ चल रही जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया है।

कोर्ट ने हरियाणा पुलिस को क्या निर्देश दिए हैं?

उत्तर: कोर्ट ने हरियाणा के डीजीपी को निर्देश दिया है कि वे 24 घंटे के भीतर एक तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन करें। इस दल का नेतृत्व एक आईजी रैंक के अधिकारी करेंगे और इसमें एक महिला एसपी रैंक की अधिकारी भी होंगी।

कोर्ट ने प्रोफेसर की पोस्ट को लेकर क्या टिप्पणी की?

उत्तर: कोर्ट ने उनके शब्दों के चयन पर सवाल उठाया और कहा कि ये जानबूझकर दूसरों को अपमानित करने या असहज करने के उद्देश्य से हो सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि एक विद्वान व्यक्ति होते हुए भी उन्होंने ऐसे शब्दों का चयन क्यों किया।

क्या प्रोफेसर पर किसी तरह की पाबंदी लगाई गई है?

उत्तर: हाँ, कोर्ट ने प्रोफेसर महमूदाबाद को भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर कोई भी नई ऑनलाइन पोस्ट करने से रोक दिया है, और उनसे SIT जांच में पूरा सहयोग करने के लिए कहा है।