न्यायालय ने लॉरेंस बिश्नोई का साक्षात्कार लेने वाले समाचार प्रस्तोता को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया

न्यायालय ने लॉरेंस बिश्नोई का साक्षात्कार लेने वाले समाचार प्रस्तोता को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया

न्यायालय ने लॉरेंस बिश्नोई का साक्षात्कार लेने वाले समाचार प्रस्तोता को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया
Modified Date: August 30, 2024 / 07:21 pm IST
Published Date: August 30, 2024 7:21 pm IST

नयी दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक निजी समाचार चैनल के समाचार प्रस्तोता (न्यूज एंकर) को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया, जो जेल में बंद अपराधी लॉरेंस बिश्नोई का मोबाइल फोन से साक्षात्कार करने से संबंधित मामले में अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच का सामना कर रहा है।

गायक सिद्धू मूसेवाला की 2022 में हत्या के आरोपियों में शामिल बिश्नोई पर अभिनेता सलमान खान के मुंबई आवास के बाहर गोलीबारी की घटना को अंजाम देने में मुख्य भूमिका निभाने का भी आरोप है।

बिश्नोई ने समाचार चैनल के एंकर को मोबाइल फोन पर वीडियो साक्षात्कार दिया था।

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प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि अपराधियों को बेनकाब करने के पत्रकार के इरादे के बावजूद, कैदियों का साक्षात्कार करना ‘जेल नियमों का गंभीर उल्लंघन है’।

अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, ‘‘…एक तय स्तर पर, साक्षात्कार चाहने वाले आपके मुवक्किल ने संभवत: जेल के कुछ नियमों का उल्लंघन किया।’’

समाचार चैनल की याचिका पर संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार और आईपीएस अधिकारी प्रबोध कुमार को नोटिस जारी किए जो पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की अगुवाई कर रहे हैं।

अदालत ने समाचार चैनल और एंकर की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और आरएस चीमा की इन दलीलों पर संज्ञान लिया कि ‘स्टिंग ऑपरेशन’ करने के लिए जान के खतरे का सामना कर रहे पत्रकार को गिरफ्तार नहीं किया जाए।

प्रधान न्यायाधीश ने आदेश में कहा, ‘‘दूसरे याचिकाकर्ता एसआईटी जांच में सहयोग करेंगे। हम निर्देश देते हैं कि इस अदालत की ओर से अगला आदेश लंबित रहने तक उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा।’’

समाचार चैनल और पत्रकार ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी जिसमें एसआईटी को जेल में बंद गैंगस्टर के साक्षात्कारों को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया था। उच्च न्यायालय ने जेलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर स्वयं द्वारा शुरू किए गए मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया था।

भाषा वैभव पवनेश

पवनेश


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