न्यायालय ने महाराष्ट्र के माथेरान में ई-रिक्शा के आवंटन को लेकर विवाद की जांच का आदेश दिया
न्यायालय ने महाराष्ट्र के माथेरान में ई-रिक्शा के आवंटन को लेकर विवाद की जांच का आदेश दिया
नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को महाराष्ट्र के रायगड के प्रधान जिला न्यायाधीश को आदेश दिया वह एक न्यायिक अधिकारी को राज्य के पर्वतीय पर्यटन स्थल माथेरान में हाथों से रिक्शा खींचने वालों को ई-रिक्शा के आवंटन से संबंधित विवाद की जांच करने का निर्देश दें।
शीर्ष अदालत ने 10 जनवरी को कहा था कि ई-रिक्शा केवल उन लोगों को मुहैया किया जाएगा जो वर्तमान में हाथ-रिक्शा चला रहे हैं ताकि उनका रोजगार खत्म न हो।
इस पर्वतीय स्थल पर मोटर वाहनों की अनुमति नहीं है।
अप्रैल में, शीर्ष अदालत ने अगले आदेश तक मुंबई से लगभग 85 किलोमीटर दूर स्थित माथेरान में ई-रिक्शा की संख्या 20 तक सीमित कर दी थी।
अदालत ने पूर्व में हाथों से रिक्शा खींचने वाले ई-रिक्शा मालिकों को पर्यटकों और स्थानीय लोगों के परिवहन के लिए इस वाहन का उपयोग करने की अनुमति दी थी।
बुधवार को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बी. आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि राज्य सरकार ने एक हलफनामा दाखिल किया है जिसमें कहा गया है कि ई-रिक्शा मूल रूप से लाइसेंसशुदा, हाथ से रिक्शा खींचने वालों को आवंटित किए गए हैं।
पीठ ने कहा, ”हमें लगता है कि इस विवादित स्थिति के मद्देनजर, यह उपयुक्त होगा कि रायगड के प्रधान जिला न्यायाधीश एक न्यायिक अधिकारी के माध्यम से जांच करें…।” अदालत ने कहा कि चार हफ्तों में एक रिपोर्ट सौंपी जाए।
भाषा जोहेब सुभाष
सुभाष

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