न्यायालय ने अवमानना ​​कार्रवाई के अनुरोध वाली याचिका पर जवाब मांगा

न्यायालय ने अवमानना ​​कार्रवाई के अनुरोध वाली याचिका पर जवाब मांगा

न्यायालय ने अवमानना ​​कार्रवाई के अनुरोध वाली याचिका पर जवाब मांगा
Modified Date: April 21, 2025 / 10:03 pm IST
Published Date: April 21, 2025 10:03 pm IST

नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को राजस्थान के प्राधिकारियों को जैसलमेर में एक संपत्ति को कथित तौर पर अवैध तरीके से ध्वस्त करने के लिए अवमानना ​​कार्रवाई के अनुरोध वाली एक याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया।

जब याचिका न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष सुनवायी के लिए आयी, तो पीठ ने मामले की सुनवायी के लिए सहमति जतायी और प्राधिकारियों से जवाब मांगा।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि प्राधिकरण ने उच्चतम न्यायालय के 13 नवंबर, 2024 के फैसले में निर्देशों की ‘पूर्ण अवमानना’ करते हुए उनकी संपत्ति को अवैध रूप से ध्वस्त कर दिया।

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शीर्ष अदालत ने अखिल भारतीय स्तर पर दिशानिर्देश जारी करते हुए बिना कारण बताओ नोटिस दिए तथा पक्ष को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिए बिना संपत्तियों को ध्वस्त करने पर रोक लगायी थी।

मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की गई।

अधिवक्ता अनस तनवीर के माध्यम से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्राधिकरण ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की अवहेलना की और 22 जनवरी को जैसलमेर में याचिकाकर्ता की संपत्ति को अवैध रूप से ध्वस्त कर दिया।

याचिका में कहा गया है कि उक्त संपत्ति पर याचिकाकर्ता का स्वामित्व न्यायिक रूप से स्थापित है और विवाद से परे है।

याचिका में दावा किया गया है कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई वैध नोटिस या उचित प्रक्रिया के बिना की गई और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का सीधा उल्लंघन है।

भाषा अमित दिलीप

दिलीप


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