विद्यालयों का समय धार्मिक संगठनों की सुविधा के अनुसार तय नहीं किया जा सकता: केरल के शिक्षा मंत्री

विद्यालयों का समय धार्मिक संगठनों की सुविधा के अनुसार तय नहीं किया जा सकता: केरल के शिक्षा मंत्री

विद्यालयों का समय धार्मिक संगठनों की सुविधा के अनुसार तय नहीं किया जा सकता: केरल के शिक्षा मंत्री
Modified Date: July 21, 2025 / 02:22 pm IST
Published Date: July 21, 2025 2:22 pm IST

पलक्कड़ (केरल), 21 जुलाई (भाषा) केरल के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने राज्य में शैक्षणिक संस्थानों के मामलों में धार्मिक एवं सामुदायिक संगठनों के कथित हस्तक्षेप के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए सोमवार को कहा कि राज्य के विद्यालयों का समय उनकी सुविधा के अनुसार तय नहीं किया जा सकता।

शिवनकुट्टी ने यह स्पष्ट किया कि मौजूदा शैक्षणिक वर्ष में विद्यालयों के समय निर्धारण में उनका या उनके विभाग का कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं रहा है। उन्होंने कहा ‘‘राज्य में कई धार्मिक और सामुदायिक संगठन हैं। हम बच्चों की कक्षाएं और परीक्षाएं उन संगठनों की सुविधा के अनुसार तय नहीं कर सकते।’’

नयी समय-सारणी को उचित ठहराते हुए शिवनकुट्टी ने राज्य के केंद्रीय विद्यालयों और खाड़ी देशों के स्कूलों के समय का उदाहरण भी दिया।

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उन्होंने कहा, ‘‘हम इस विषय पर सभी को समझाने का प्रयास करेंगे। बुधवार को स्कूल प्रबंधन प्रतिनिधियों के साथ बैठक होगी।’’

मंत्री ने यह भी बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून के अनुसार, स्कूलों में 220 कार्य दिवस होने चाहिए।

शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार, यह बैठक 23 जुलाई को दोपहर में तिरुवनंतपुरम स्थित शिवनकुट्टी के कक्ष में आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रत्येक स्कूल प्रबंधन से एक प्रतिनिधि भाग लेगा। बैठक में मंत्री संशोधित समय को लेकर सरकार के तर्कों को साझा करेंगे।

शिवनकुट्टी ने हाल ही में यह भी स्पष्ट किया कि विद्यालयों का समय ‘‘किसी विशेष समुदाय’’ की मांग को ध्यान में रखकर नहीं बदला जा सकता, क्योंकि सरकार को लाखों छात्रों के हितों पर गौर करना होता है।

उन्होंने बताया कि स्कूल समय में 30 मिनट की वृद्धि का निर्णय केरल उच्च न्यायालय के निर्देशों के आधार पर लिया गया है और यदि किसी को इससे आपत्ति है तो वह कानूनी रास्ता अपनाने के लिए स्वतंत्र है।

संशोधित समय के अनुसार, आठवीं से दसवीं कक्षा के छात्रों को सभी कार्यदिवसों में शुक्रवार को छोड़कर सुबह और दोपहर में 15-15 मिनट अतिरिक्त स्कूल में रहना होगा, ताकि सालाना 1,100 शैक्षणिक घंटे पूरे किए जा सकें।

मंत्री का यह बयान सुन्नी संगठन ‘समस्त केरल जमीयतुल उलेमा’ सहित मुस्लिम संगठनों की बढ़ती आलोचना के बीच आया है, जिन्होंने दावा किया है कि ‘‘स्कूल के बढ़ाए गए समय से मजहबी शिक्षा में बाधा आएगी।’’

भाषा मनीषा सिम्मी

सिम्मी


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