वैज्ञानिकों ने फेफडे की गति पैदा करने वाली थ्रीडी रोबोटिक छाया तैयार की

वैज्ञानिकों ने फेफडे की गति पैदा करने वाली थ्रीडी रोबोटिक छाया तैयार की

वैज्ञानिकों ने फेफडे की गति पैदा करने वाली थ्रीडी रोबोटिक छाया तैयार की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:16 pm IST
Published Date: July 19, 2021 4:12 pm IST

नयी दिल्ली,19जुलाई (भाषा) भारतीय वैज्ञानिकों के एक समूह ने किफायती थ्रीडी रोबोटिक गतिमान छाया (फैंटम) तैयार की है जो सांस लेने के दौरान मानव फेफडों की गति को दोबारा पैदा कर सकती है और इसका उपयोग यह पता लगाने के लिए किया जा सकता है कि क्या किसी गतिशील लक्ष्य पर रेडिएशन सही तरीके से केंद्रित है या नहीं।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस फैंटम को इंसानों को लिटाए जाने वाले बिस्तर पर लगे सीटीस्कैनर पर लगाया गया है। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर आशीष दत्त और लखनऊ पीजीआई में प्रोफेसर के जे मारिया दास ने इसे मिल कर तैयार किया है।

सांस लेने से फेफड़े में होने वाली गति के कारण पेट के ऊपरी हिस्से और छाती से जुड़े कैंसर के ट्यूमर को लक्षित रेडिएशन देना मुश्किल काम होता है। इस गति के कारण उपचार के दौरान ट्यूमर के अलावा एक बड़ा हिस्सा रेडिएशन के संपर्क में आता है और इस वजह से ट्यूमर के आस पास के ऊतक भी प्रभावित होते हैं। किसी मरीज में फेफडे की गति को नियंत्रित करके लक्षित स्थान पर रेडिएशन दिया जा सकता है ताकि वह अन्य हिस्से को नुकसान पहुंचाए बिना असरदार हो। लेकिन इंसानों पर इसे करने से पहले इसकी प्रभाविता को रोबोटिक छाया पर जांचना जरूरी है।

 ⁠

भाषा शोभना पवनेश

पवनेश


लेखक के बारे में