धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक सौहार्द और सहिष्णुता भारत का डीएनए है: नकवी

धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक सौहार्द और सहिष्णुता भारत का डीएनए है: नकवी

धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक सौहार्द और सहिष्णुता भारत का डीएनए है: नकवी
Modified Date: February 11, 2023 / 05:35 pm IST
Published Date: February 11, 2023 5:35 pm IST

नयी दिल्ली, 11 फरवरी (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि ‘धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक सौहार्द, सहिष्णुता’ भारत का डीएनए है तथा भारत अकेला ऐसा देश है, जहां सभी धर्मों, सम्प्रदायों के मानने वाले लोग मिल-जुलकर रहते हैं।

संत गुरु रविदास जी की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में नकवी ने यह भी कहा कि संत रविदास जी की सोच, संदेश का संकल्प ही ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का मूल मंत्र है।

उन्होंने कहा, ‘‘संत रविदास जी ने जिस जाति प्रथा के कुप्रभाव के प्रति आज से सैंकड़ों साल पहले अपने सन्देश से सचेत किया था, वह आज भी सार्थक है।’’

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नकवी ने कहा, ‘‘संतों की सोच और सूफियों के सबक का नतीजा है कि दुनिया की उठापटक, उथल-पुथल के बीच हिन्दुस्तान आज विश्व को राह दिखा रहा है, यह इन्हीं महान संतों-सूफियों की तपस्या की ताक़त है।

उन्होंने यह भी कहा कि ‘धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक सौहार्द, सहिष्णुता’ भारत का डीएनए है।

नकवी के अनुसार, ‘‘भारत आज पूरी दुनिया के लिए सामाजिक समरसता, भाईचारे, सहिष्णुता की मिसाल है। भारत दुनिया का अकेला ऐसा देश है, जहां सभी धर्मों, सम्प्रदायों के मानने वाले करोड़ों लोग शांति एवं सौहार्द के साथ रह रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘संत रविदास जी के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए ही मोदी सरकार धर्म, जाति, क्षेत्र की सीमाओं को तोड़ कर समावेशी-सर्वस्पर्शी विकास के रास्ते पर चल रही है, हर भारतवासी की सुरक्षा, समृद्धि, सशक्तिकरण हो रहा है।’’

भाषा हक हक दिलीप

दिलीप


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