बीज विधेयक 2025 किसानों और पारंपरिक बीज किस्मों पर लागू नहीं होगा: सरकार
बीज विधेयक 2025 किसानों और पारंपरिक बीज किस्मों पर लागू नहीं होगा: सरकार
नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा को बताया कि प्रस्तावित ‘राष्ट्रीय बीज विधेयक-2025’ किसानों और उनकी पारंपरिक बीज किस्मों पर लागू नहीं होगा और इसमें ऐसे प्रावधान किए गए हैं जो किसानों के अपने खेत में बचाए गए बीजों को सुरक्षित रखने, उनका आदान-प्रदान करने तथा बेचने के अधिकारों की रक्षा करते हैं।
ठाकुर ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप किसान संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों से परामर्श करने के बाद इस कानून का मसौदा तैयार किया है।
ठाकुर ने कहा, ‘‘विधेयक के प्रावधान किसानों और इनके द्वारा विकसित किस्मों पर लागू नहीं होते हैं, जिनमें पारंपरिक किस्में भी शामिल हैं। यह विधेयक पादप किस्मों के संरक्षण और किसान अधिकार अधिनियम, 2001 के अनुरूप किसानों के अधिकारों की रक्षा करता है, जिसके तहत उन्हें संरक्षित बीजों को उगाने, बोने, सहेजने, आदान-प्रदान करने और बेचने का अधिकार है।’’
उन्होंने कहा कि जैव विविधता अधिनियम, 2002 और पादप किस्मों के संरक्षण और किसान अधिकार अधिनियम, 2001 के तहत विभिन्न प्रावधान किसानों, सामुदायिक बीज उत्पादकों और पारंपरिक एवं स्वदेशी बीज किस्मों की सुरक्षा के लिए भी उपलब्ध हैं।
मंत्री ने कहा कि विधेयक में बाजार में बेची जाने वाली सभी किस्मों के अनिवार्य पंजीकरण, बीज उत्पादकों, बीज प्रसंस्करण इकाइयों और विक्रेताओं के पंजीकरण तथा पौध नर्सरियों के पंजीकरण के प्रावधान हैं।
ठाकुर ने कहा कि बीज विधेयक 2025 का मसौदा वर्तमान में पूर्व-विधायी परामर्श चरण में है और इसे किसान संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों से सुझाव प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक किया गया है।
भाषा सुरेश वैभव
वैभव

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