ईदगाह पार्क में लक्ष्मीबाई की प्रतिमा स्थापित करते समय भावनाओं का ध्यान रखा गया : दिल्ली नगर निगम

ईदगाह पार्क में लक्ष्मीबाई की प्रतिमा स्थापित करते समय भावनाओं का ध्यान रखा गया : दिल्ली नगर निगम

ईदगाह पार्क में लक्ष्मीबाई की प्रतिमा स्थापित करते समय भावनाओं का ध्यान रखा गया : दिल्ली नगर निगम
Modified Date: October 4, 2024 / 06:56 pm IST
Published Date: October 4, 2024 6:56 pm IST

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) शहर के अधिकारियों ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को आश्वस्त किया कि यहां सदर बाजार स्थित शाही ईदगाह पार्क में महारानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा स्थापित करने की प्रक्रिया में “भावनाओं” का पूरा ध्यान रखा गया।

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के वकील ने अदालत को बताया कि मूर्ति को ईदगाह की दीवार से 200 मीटर दूर एक “कोने” में स्थापित किया गया है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के वरिष्ठ वकील ने कहा कि एक विभाजन दीवार बनाई गई है और “भावनाओं की रक्षा की जा रही है”।

अदालत शाही ईदगाह प्रबंध समिति की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एकल न्यायाधीश के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा की स्थापना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था।

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समिति ने कहा है कि शाही ईदगाह पार्क मुगल काल के दौरान निर्मित एक प्राचीन संपत्ति है और इसका उपयोग नमाज अदा करने के लिए किया जाता है।

सुनवाई के दौरान पीठ को बताया गया कि मूर्ति स्थापित कर दी गयी है।

मामले में सौहार्दपूर्ण समाधान का समर्थन करते हुए मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिकारियों से कहा कि वे अपीलकर्ता के एक प्रतिनिधिमंडल को उस स्थान पर ले जाएं, ताकि उन्हें दिखाया जा सके कि मूर्ति किस प्रकार रखी गई है।

पीठ ने कहा, “एक छोटा दल ले जाइए और उन्हें वह क्षेत्र दिखाइए।” इस पीठ में न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला भी शामिल थे।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई सात अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा, “अपीलकर्ता के तीन प्रतिनिधियों को उस क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति है, जहां मूर्ति स्थापित की गई है। उन्हें कल ले जाएं।”

इससे पहले, अदालत ने शाही ईदगाह पार्क में एमसीडी द्वारा प्रतिमा स्थापित करने के विरोध पर सवाल उठाया था क्योंकि महारानी लक्ष्मीबाई कोई धार्मिक शख्सियत नहीं थीं।

भाषा प्रशांत अविनाश

अविनाश


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