आरजी कर पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर मार्च के दौरान हिंसा के संबंध में सात मामले दर्ज

आरजी कर पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर मार्च के दौरान हिंसा के संबंध में सात मामले दर्ज

आरजी कर पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर मार्च के दौरान हिंसा के संबंध में सात मामले दर्ज
Modified Date: August 11, 2025 / 06:58 pm IST
Published Date: August 11, 2025 6:58 pm IST

कोलकाता, 11 अगस्त (भाषा) पिछले साल आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में न्याय की मांग को लेकर नौ अगस्त को राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ तक निकाले गये मार्च के दौरान हुई हिंसा के संबंध में सात मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

प्रशिक्षु डॉक्टर से बलात्कार और हत्या की घटना की बरसी पर मार्च के दौरान कोलकाता और निकटवर्ती हावड़ा की सड़कों पर शनिवार को अराजकता का माहौल रहा। पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर राज्य सचिवालय तक ‘नबान्न चलो अभियान’ के दौरान पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच भिड़ंत कई चरणों में और कई स्थानों पर हुई। कोलकाता और हावड़ा में प्रदर्शनकारियों ने कम से कम तीन रैलियां निकालीं।

अधिकारी ने बताया कि एक राजनीतिक दल के कुछ नेताओं और समर्थकों के खिलाफ कोलकाता पुलिस के अधिकार क्षेत्र में न्यू मार्केट पुलिस थाने में चार तथा हरे स्ट्रीट पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।

 ⁠

अधिकारी ने कहा, ‘आरआर एवेन्यू न जाकर पार्क स्ट्रीट की ओर जुलूस निकालने के कारण कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप में हेयर स्ट्रीट पुलिस थाने में एक मामला दर्ज किया गया है। सार्वजनिक मार्ग में बाधा डालने और लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा करने सहित संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।’

उन्होंने कहा, ‘न्यू मार्केट पुलिस थाने में एक राजनीतिक दल के राखी स्टॉल पर हंगामा करने, एक पुलिस कांस्टेबल पर बेरहमी से हमला कर उसे सिर में चोट पहुंचाने, हॉकर यूनियन के कार्यालय में तोड़फोड़ करने, एक मीडियाकर्मी का कैमरा क्षतिग्रस्त करने और उसे जबरन बंधक बनाने के मामले दर्ज किए गए हैं।’

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के बाद एक राजनीतिक दल के कुछ नेताओं/समर्थकों के खिलाफ दो और मामले दर्ज करने के लिए सक्षम न्यायालय में आवेदन किया जा रहा है।’

उन्होंने कहा कि मामलों की जांच की जा रही है।

भाषा आशीष प्रशांत

प्रशांत


लेखक के बारे में