Sex is important: ‘शादी में सेक्स एक महत्वपूर्ण आधार’ लंबे समय से अलग रहे पति-पत्नी के मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कही ये बात
'शादी में सेक्स एक महत्वपूर्ण आधार' लंबे समय से अलग रहे पति-पत्नी के मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कही ये बात! Sex is important
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नई दिल्ली: Sex is important तलाक के एक मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा बयान सामने आया है। कोर्ट ने लगभग 25 साल से अलग रह रहे पति-पत्नी के केस पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है और कहा है कि यदि किसी अन्य महिला से संबंध हैं तो इसे क्रूरता कहना उचित नहीं है। बता दें कि निचली अदालत ने लंबे समय से अलग रहने को आधार मानकर दोनों का तलाक मंजूर कर दिया था।
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Sex is important जस्टिस सुरेश कुमार कैत एवं जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने कहा कि यह दंपती वर्ष 2005 से अलग रह रहा है। उनके दोबारा एक साथ रहने की कोई संभावना नहीं है। बेंच ने कहा कि यहां विवाद पति और उसके परिवार के सदस्यों के अनादर से उत्पन्न हुआ था। परिवार में बार-बार होने वाले झगड़ों के परिणामस्वरूप मानसिक पीड़ा होती है। बेंच ने अपने आदेश में कहा कि लंबे समय तक चलने वाले मतभेदों और आपराधिक शिकायतों के कारण प्रतिवादी पति के जीवन में शांति नहीं रही और उसे दांपत्य संबंध से वंचित कर दिया, जो किसी भी वैवाहिक रिश्ते का आधार है।
बेंच ने कहा कि पारिवारिक अदालत ने सही निष्कर्ष निकाला कि पत्नी ने पति के साथ क्रूरता की और उसकी अपील खारिज कर दी। बेंच ने माना कि शादी के रिश्तों में शारीरिक संबंध एक महत्वपूर्ण आधार है। यहां पति-पत्नी दो दशक से ज्यादा समय से अलग हैं। ऐसे में पति यदि किसी अन्य महिला से संबंध बनाता है तो इसे क्रूरता कहना उचित नहीं है। इस मामले में पत्नी ने पति को तलाक देने के पारिवारिक अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया है कि पति के खिलाफ क्रूरता के आरोप गलत थे। महिला ने दलील दी थी कि उसके पति ने दूसरी महिला से शादी कर ली है।

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