प्रयागराज। पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि आईपीसी की धारा 315 में संशोधन के बाद 15 साल से अधिक आयु की पत्नी के साथ यौन संबंध बनाना रेप की श्रेणी में नहीं आता है।
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जिसके तहत आरोपी की जमानत मंजूरी की गई है। बता दें कि मुरादाबाद के खुशाबे अली की जमानत अर्जी पर जस्टिस मो असलम ने सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि धारा 375 में कई संशोधन किए गए हैं। कोर्ट ने याची की जमानत मंजूर करते हुए शर्तों के साथ उसे रिहा करने का आदेश दिया है।
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दरअसल महिला ने भोजपुर थाने में दहेज उत्पीड़न, मारपीट करने और धमकी देने के अलावा अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का मुकदमा दर्ज कराया था। जिस पर कोर्ट ने दुष्कर्म से इनकार करते हुए आरोपी को रिहा किया है।
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