कोच्चि, 25 सितंबर (भाषा) कोच्चि स्थित एक सॉफ्टवेयर कंपनी के मालिक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक महिला ने केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपने का अनुरोध किया है।
महिला ने याचिका में आरोप लगाया कि कोच्चि पुलिस द्वारा की जा रही जांच पक्षपातपूर्ण है और इसका उद्देश्य सॉफ्टवेयर कंपनी चलाने वाले आरोपी वेणु गोपालकृष्णन (50) को बचाना है।
गोपालकृष्णन इससे पहले अपनी लेम्बोर्गिनी उरुस के ‘रजिस्ट्रेशन नंबर’ के लिए 45.99 लाख रुपये का भुगतान करने को लेकर सुर्खियों में आए थे।
रिट याचिका में कहा गया है, ‘‘शुरू से ही मामले की जांच लापरवाही भरी और पक्षपातपूर्ण रही है, जिससे गोपालकृष्णन को बचाने की स्पष्ट मंशा का पता चलता है।’’
यह मामला जुलाई का है, जब पीड़िता और उसके पति को पुलिस ने गोपालकृष्णन को मोहपाश (हनीट्रैप) में फंसाने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया था। पीड़िता कोच्चि में गोपालकृष्णन की आईटी कंपनी में काम करती थी।
जमानत मिलने के बाद, महिला ने आरोपों को झूठा करार देते हुए अदालत का रुख किया।
इसके बाद, पिछले महीने गोपालकृष्णन और उनके तीन कर्मचारियों – जैकब थम्पी, एबी पॉल और बिमलराज हरिदास – के खिलाफ यौन उत्पीड़न, महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने और आपराधिक धमकी के आरोपों में एक नया मामला दर्ज किया गया।
ग्यारह सितंबर को उच्च न्यायालय ने गोपालकृष्णन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने पुलिस जांच में खामियों की भी ओर इशारा किया था।
याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया कि एर्नाकुलम सेंट्रल और इन्फोपार्क पुलिस थानों में दर्ज दोनों मामलों को ‘‘निष्पक्ष और समयबद्ध’’ जांच के लिए अपराध शाखा को सौंप दिया जाए।
उच्च न्यायालय चार अक्टूबर को याचिका पर सुनवाई करेगा।
भाषा शफीक नरेश
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