एसजीपीसी ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह को तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से हटाया

एसजीपीसी ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह को तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से हटाया

एसजीपीसी ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह को तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से हटाया
Modified Date: February 10, 2025 / 10:37 pm IST
Published Date: February 10, 2025 10:37 pm IST

अमृतसर, 10 फरवरी (भाषा) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने सोमवार को तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार के रूप में ज्ञानी हरप्रीत सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया।

यह निर्णय यहां आयोजित एसजीपीसी की कार्यकारी समिति की बैठक में लिया गया। समिति ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।

सिंह 18 साल पुराने घरेलू विवाद के मामले में आरोपों का सामना कर रहे थे।

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फैसले की जानकारी देते हुए एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह ने बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट पर सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है।

उन्होंने कहा कि जांच में ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ आरोप साबित हो गए हैं और तख्त के सम्मान और गरिमा को ठेस पहुंचाने के संबंध में कार्यकारी समिति द्वारा कार्रवाई की गई है।

इस संबंध में केवल तीन सदस्यों ने ही असहमति दर्ज कराई, जबकि बैठक में उपस्थित एसजीपीसी कार्यकारी समिति के शेष सदस्यों ने रिपोर्ट के आधार पर जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की बर्खास्तगी पर सहमति जताई।

सिंह ने कहा कि कार्यकारी समिति ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह के स्थान पर बठिंडा में तख्त श्री दमदमा साहिब के ‘मुख्य ग्रंथी’ ज्ञानी जगतार सिंह को जत्थेदार की जिम्मेदारी सौंपी हैं।

पिछले साल दिसंबर में एसजीपीसी ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। इससे पहले उनकी सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं।

मुक्तसर के शिकायतकर्ता गुरप्रीत सिंह द्वारा ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बाद इस समिति का गठन किया गया था।

एसजीपीसी के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि उन्हें पहले ही अनुमान था कि दो दिसंबर, 2024 को अकाल तख्त के आदेश के बाद उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जायेंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘जब आपको पहले से पता हो कि कुछ होने वाला है, तो आपको आश्चर्य नहीं होता। दो दिसंबर के बाद मुझे यकीन था कि मेरी सेवाएं समाप्त कर दी जायेंगी।’’

भाषा

देवेंद्र दिलीप

दिलीप


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