शबनम को नहीं दी जाए फांसी वरना आएंगी बड़ी आपदाएं, अयोध्या के संत ने की राष्ट्रप​ति से अपील

शबनम को नहीं दी जाए फांसी वरना आएंगी बड़ी आपदाएं, अयोध्या के संत ने की राष्ट्रप​ति से अपील

शबनम को नहीं दी जाए फांसी वरना आएंगी बड़ी आपदाएं, अयोध्या के संत ने की राष्ट्रप​ति से अपील
Modified Date: November 29, 2022 / 08:12 pm IST
Published Date: February 22, 2021 8:26 am IST

अयोध्‍या। अयोध्‍या के एक संत महंत परमहंस दास ने राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद से अपील की है कि शबनम की फांसी की सजा माफ कर दी जाए। अगर शबनम को फांसी दी गई तो इससे दुर्भाग्य और आपदाएं आएंगी। यदि उसे फांसी दी जाती है तो यह आजादी के बाद किसी महिला को फांसी देने का पहला मामला होगा।

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महंत परमहंस दास ने कहा कि हिंदू शास्‍त्रों में महिला का स्‍थान पुरुष से बहुत ऊपर है। एक महिला को मृत्‍युदंड देने से समाज का भला नहीं होगा, बल्कि इससे दुर्भाग्‍य और आपदाओं को न्‍यौता मिलेगा। यह सही है कि उसका अपराध माफ किए जाने योग्‍य नहीं है लेकिन उसे महिला होने के नाते माफ किया जाना चाहिए।’

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महंत ने आगे कहा, ‘हिंदू धर्म के गुरु होने के नाते मैं राष्‍ट्रपति से अपील करता हूं कि शबनम की दया याचिका को स्‍वीकार कर लें। जेल में अपने अपराध के लिए वह प्रायश्चित कर चुकी है। अगर उसे फांसी दी गई तो यह इतिहास का सबसे दुर्भाग्‍यपूर्ण अध्‍याय होगा। हमारा संविधान राष्‍ट्रपत‍ि को असाधारण शक्तियां देता है, उन्‍हें इन शक्तियों का प्रयोग क्षमा देने में करना चाहिए।’

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गौरतलब है कि यूपी के अमरोहा जिले के बाबनखेड़ी गांव में 14-15 अप्रैल 2008 की रात को प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम और उसके प्रेमी सलीम को फांसी दी जाएगी। शबनम जुलाई 2019 से रामपुर जेल में बंद है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com