Shashi Tharoor defended the ceasefire decision || Image- Times of India
Shashi Tharoor defended the ceasefire decision: नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच जारी लड़ाई के बाद सीजफायर का फैसला कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष को रास नहीं आ रहा है। सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया पर पीएम मोदी और केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी नेता बयानबाजी कर रहे है। कांग्रेस इंदिरा गांधी से तुलना करते हुए सीजफायर के फैसले को गलत ठहरा रहे है। उनकी आपत्ति इस बात को लेकर भी है कि आखिर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीजफायर की घोषणा क्यों की। इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस बेहद आक्रामक है। वे लगातार सवाल पूछ रहे है कि क्या जिस उद्देश्य से पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई शुरू के गई थी वह अंजाम तक पहुंचा? जाहिर है सीजफायर को लेकर एक तरफ कांग्रेस जहां प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र की सरकार पर हमलावर है तो उनके ही एक सांसद ने सरकार और सेना के सीजफायर के फैसले का बचाव किया है। उन्होंने यह भी बताया है कि वे खुद भी इस लड़ाई को लम्बा नहीं खींचना चाहते थे।
दरअसल सरकार का बचाव करने वाले सांसद कोई और नहीं बल्कि तिरुअनंतपुरम के कांग्रेस सांसद शशि थरूर है। उन्होंने इस मसले पर न्यूज एजेंसी पीटीआई से चर्चा की है।
पीटीआई ने जब उनसे सीजफायर के फैसले और अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प की भूमिका पर सवाल किया तो शशि थरूर ने कहा “मैं इसे एक खास राजनेता की तरह देखता हूँ जो किसी चीज़ का श्रेय लेना चाहता है, और मैं देख सकता हूँ कि भारत सरकार ने शायद कहा होगा, ‘अगर वे चाहते हैं तो उन्हें श्रेय लेने दें।’ लेकिन हमारे दृष्टिकोण से, हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि शांति पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) के अनुरोध के बाद हुई है, जिन्होंने दोपहर 3:35 बजे अपने भारतीय समकक्ष को फोन किया था। और हमें हाँ कहने में बहुत समय नहीं लगा – क्योंकि हम कभी भी लंबा युद्ध नहीं चाहते थे। हमने 7 मई को यह स्पष्ट कर दिया था कि हमने जो किया था वह पहलगाम के प्रतिशोध में आतंकवादी ठिकानों पर हमला करना था, और आखिरी चीज जो हम चाहते थे वह यह नहीं थी कि इसे एक लंबे, दीर्घ संघर्ष की शुरुआत के रूप में देखा जाए”
VIDEO | Delhi: Here’s what Congress MP Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) said when asked about the US announcement of the India-Pakistan ceasefire from Washington, DC on Saturday:
“I see it as a particular politician wanting to take credit for something, and I can see that the… pic.twitter.com/n2UjacLVLa
— Press Trust of India (@PTI_News) May 12, 2025
Shashi Tharoor defended the ceasefire decision: ऑपरेशन सिन्दूर को रोके जाने और भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर लागू होने में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बड़ी भूमिका होने का दावा किया जा रहा था। इस बीच ट्रम्प ने खुद ही स्वीकार कर लिया कि सीजफायर लागू कराने में उनके प्रशासन की बड़ी भूमिका रही है। ट्रम्प ने मीडिया के सामने दोनों देशों में बीच सीजफायर लागू होने और युद्ध रोके जाने को लेकर बड़ा बयान दिया है। ट्रम्प ने दोनों देशों की तारीफ करते हुए कहा है कि, ‘दोनों देशों के बीच लड़ाई बंद होने के पीछे व्यापार एक बड़ा कारण है’
ट्रम्प ने इससे पहले कहा कि, कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम समझौते के मद्देनजर वह उनकी मदद करने के लिए तैयार है। उन्होंने स्वीकार किया कि इस समझौते में उनके प्रशासन ने मध्यस्थता की थी
ट्रम्प ने कहा कि, “शनिवार को, मेरे प्रशासन ने तत्काल युद्धविराम कराने में मदद की, मुझे लगता है कि भारत और पाकिस्तान, जिनके पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं, उनके बीच एक स्थायी युद्धविराम होगा” सुनें डोनाल्ड ट्रम्प का ताजा बयान..
पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों के खिलाफ चलाये गए ऑपरेशन सिन्दूर की सफलता के बाद देश की सेना ने इस पूरे सैन्य अभियान पर विस्तार से रिपोर्ट पेश की है। सेना ने इस संबंध में एक डिटेल प्रेसनोट जारी किया है।
अपने प्रेसनोट में उन्होंने बताया है कि, 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। पाकिस्तान समर्थित हमलावरों ने एक गांव में धावा बोला था। आतंकियों ने लोगों से उनका धर्म पूछा और उनकी हत्या कर दी, जिसके परिणामस्वरूप 26 लोगों की मौत हो गई।
Shashi Tharoor defended the ceasefire decision: सेना ने आगे बताया है कि, यह हमला देश में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का यह स्पष्ट प्रयास था। हालांकि इसके जवाब में, भारत ने हमले के पीछे के आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इसके जवाब में पाकिस्तान की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई और उन्होंने धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने के लिए ड्रोन और गोलाबारी का इस्तेमाल किया जिसमे जम्मू में शंभू मंदिर, पुंछ में गुरुद्वारा और ईसाई कॉन्वेंट पर हमला किया गया। सेना ने अपने नोट में बताया है कि, ये अचानक किए गए हमले नहीं थे। यह हमला भी भारत की एकता को तोड़ने की योजना का हिस्सा थे। पढ़ें पूरा प्रेसनोट..
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भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल ए.के. भारती ने सोमवार को प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों को निशाना बनाना था, न कि पाकिस्तानी सेना या पाकिस्तानी नागरिकों से भिड़ना।
प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, एयर मार्शल भारती ने कहा, “हमारी लड़ाई आतंकवादियों से है, हमारी लड़ाई पाकिस्तानी सेना या पाकिस्तानी नागरिकों से नहीं है, इसलिए हम अपने लक्ष्य को लेकर बहुत स्पष्ट हैं।” एयर मार्शल ने जोर देकर कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सटीक हमलों के माध्यम से अपनी प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया।
Shashi Tharoor defended the ceasefire decision: उन्होंने आगे बताया कि, “हमारी जवाबी प्रणाली और प्रशिक्षित वायु रक्षा ऑपरेटर पूरी तरह से सक्षम हैं, और हमारे देश की स्वदेशी क्षमता ने अपनी प्रभावशीलता साबित कर दी है। यह प्रदर्शित हो चुका है कि चाहे कोई भी तकनीक सामने आए, हम उसका मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। बहुत अधिक शब्दों की आवश्यकता नहीं है, आपने अपनी आँखों से देखा है कि हमने क्या परिणाम दिए हैं,”
आधुनिक युद्ध की विकसित होती प्रकृति पर प्रकाश डालते हुए, एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा कि भविष्य के संघर्ष पिछले संघर्षों से काफी भिन्न होंगे और उन्होंने लगातार बदलते युद्धक्षेत्र में विरोधियों से आगे रहने के महत्व पर जोर दिया।
ए.के. भारती ने बताया कि, “यह एक अलग तरह का युद्ध था और ऐसा होना तय है। भगवान न करे, लेकिन अगर हम एक और युद्ध लड़ते हैं, तो वह इस युद्ध से बिल्कुल अलग होगा। यह एक बिल्ली और चूहे का खेल है, और हमें विरोधियों को हराने के लिए समय से आगे रहना होगा,”
Shashi Tharoor defended the ceasefire decision: जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत ने किराना हिल्स पर हमला किया है, तो एयर मार्शल ए.के. भारती ने जवाब दिया, “हमें यह बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में कुछ परमाणु प्रतिष्ठान हैं, हमें इसके बारे में पता नहीं था। जो कुछ भी है, लेकिन हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है।”
इस बीच, 7 मई की सुबह भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 नागरिक मारे गए थे।