शहबाज शरीफ की धमकियों का भारत पर कोई असर नहीं होगा : ओवैसी

शहबाज शरीफ की धमकियों का भारत पर कोई असर नहीं होगा : ओवैसी

शहबाज शरीफ की धमकियों का भारत पर कोई असर नहीं होगा : ओवैसी
Modified Date: August 13, 2025 / 07:13 pm IST
Published Date: August 13, 2025 7:13 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

हैदराबाद, 13 अगस्त (भाषा) ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ‘‘धमकियों’’ को खारिज करते हुए बुधवार को कहा कि इनका भारत पर कोई असर नहीं होगा।

ओवैसी ने यहां पत्रकारों से बातचीत में यह भी कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल भारत का पाकिस्तान को जवाब है।

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उन्होंने कहा, ‘‘आप (शहबाज शरीफ) एक देश के प्रधानमंत्री हैं…आप ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसका हम पर कोई असर नहीं होगा। (भारत) सरकार ने सिंधु जल संधि को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। कोई बदलाव दिखाने के बजाय, आप धमकियां दे रहे हैं। धमकियों का भारत पर कोई असर नहीं होगा। बहुत हो गया।’’

ओवैसी ने संधि पर शरीफ, पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर और अन्य नेताओं की टिप्पणियों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह बात कही।

शहबाज शरीफ ने मंगलवार को कहा कि भारत को पाकिस्तान के पानी की एक बूंद भी छीनने नहीं दी जाएगी।

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक कदम उठाए, जिनमें 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी शामिल था।

बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान पर हैदराबाद के सांसद ने आरोप लगाया कि कई वैध मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज़ कौन से हैं।

ओवैसी ने कहा, ‘‘नागरिकता के लिए ज़िम्मेदार मंत्रालय यह नहीं बता रहा है कि नागरिकता के प्रमाण के तौर पर कौन से दस्तावेज मान्य होंगे। फिर, निर्वाचन आयोग किस आधार पर (पुनरीक्षण अभियान की) ज़िम्मेदारी ले रहा है? इसीलिए हम कहते हैं कि इसमें बहुत भ्रम है। अगर पुनरीक्षण में नाम नहीं आता है, तो कहा जाएगा कि आप (संबंधित व्यक्ति) (देश के) नागरिक नहीं हैं। फिर लोग क्या करेंगे?’’

एआईएमआईएम के प्रतिनिधित्व वाले विधानसभा क्षेत्रों में फर्जी मतदाताओं के बारे में कांग्रेस नेता के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि निर्वाचन अधिकारियों ने सत्यापन किया है और अतीत में जब इसी तरह के आरोप लगाए गए थे तो उन्हें कुछ भी गलत नहीं मिला।

भाषा आशीष नेत्रपाल

नेत्रपाल


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