कोटा (राजस्थान), 20 मई (भाषा) बूंदी जिले के एक स्वास्थ्य कर्मी ने कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद पृथक-वास में रहने के दौरान एक कार्टून कैरेक्टर और कार्टून श्रृंखला बनाई है। उनके कार्टून चरित्र का नाम है ‘‘श्याणा काका’’ यानि चतुर व्यक्ति। इसे कोविड-19 संबंधी उचित व्यवहार और दिशा-निर्देशों को स्थानीय बोली में लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से बनाया गया है।
हिंडोली कस्बे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ब्लॉक सुपरवाइजर सुनील जांगीड़ द्वारा तैयार किए गए एक कार्टून में यह श्याणा काका कहता है, ‘‘बीमारी को ना छिपाओ, सर्वे कर री आशा बहन ना जरूर अपना लक्षण बताओ, हस्पताल सु दवा लो।’’
अन्य कार्टून में वह लोगों को सामाजिक दूरी बरतने, भीड़भाड़ से बचने तथा घर के भीतर ही रहने और सुरक्षित रहने की नसीहत देता दिखता है।
जांगिड़ कहते हैं, ‘‘यह काफी संतोषजनक बात है कि कोविड-19 पर आधारित कार्टून श्रंखला ‘श्याणा काका’ ग्रामीण इलाकों में प्रभावी साबित हो रही है।’’
बूंदी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरलीधर प्रतिहार बताते हैं कि इस श्रृंखला को वॉट्सएप, फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया के माध्यमों से ग्रामीण इलाकों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों तक भेजा जाता है। वे लोग इसे अन्य स्थानीय समूहों को भेजते हैं।
ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर जिला परिषद के अधिकारियों ने दिशा-निर्देशों को कार्टून चरित्र के जरिए स्थानीय बोली में लोगों तक पहुंचाने के लिए जांगिड़ की मदद ली।
जांगिड़ पांच मई को संक्रमित पाए गए थे और घर पर पृथक-वास में उपचार करवा रहे थे जब उन्होंने प्रतिहार के इस विचार पर काम करना शुरू किया। वह अब तक दस से अधिक लघु कार्टून एपिसोड तैयार कर चुके हैं जिनमें श्याणा काका कोविड-19 संबंधी जागरूकता ला रहा है।
हिंडोली ब्लॉक में बंसी ग्राम पंचायत के सरपंच सत्यप्रकाश शर्मा कहते हैं कि इस कार्टून श्रृंखला की मदद से कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करने को लेकर एक माहौल तैयार हुआ है। उन्होंने वॉट्सएप तथा फेसबुक के माध्यम से इस श्रृंखला को गांव के सभी ग्रुप में साझा किया है।
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मानसी उमा
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