पढ़ाई के लिए सायरन: विद्यार्थियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक गांव की अनूठी पहल

पढ़ाई के लिए सायरन: विद्यार्थियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक गांव की अनूठी पहल

पढ़ाई के लिए सायरन: विद्यार्थियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक गांव की अनूठी पहल
Modified Date: December 28, 2025 / 08:06 pm IST
Published Date: December 28, 2025 8:06 pm IST

बीड, 28 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के बीड जिले के परली तहसील स्थित नागापुर गांव ने मोबाइल, टेलीविजन और अन्य गैजेट्स में खोए छात्रों में पढ़ाई की आदत विकसित करने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की है।

‘सायरन ब्लोज फॉर स्टडी’ अभियान के तहत, गांव में हर शाम सायरन बजते ही छात्र अपने गैजेट्स छोड़कर दो घंटे तक नियमित रूप से पढ़ाई में जुट जाते हैं।

उप सरपंच संतोष सोलंके ने कहा कि इस अभियान को अभिभावकों और छात्रों दोनों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।

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सोलंके ने बताया कि उन्हें सांगली जिले के अग्रम धुलगांव गांव में इसी तरह के एक सफल मॉडल से प्रेरणा मिली।

सोलंके ने कहा, ‘यह प्रक्रिया सरल लेकिन प्रभावी है। शाम सात बजे, पूरे गांव में सायरन बजता है। यह हर घर के लिए टेलीविजन बंद करने और मोबाइल फोन दूर रखने के आदेश जैसा होता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह पहल महज एक रस्म बनकर न रह जाए, एक समर्पित निगरानी समिति समय-समय पर निरीक्षण करती है।’’ उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत के सदस्य और स्वयंसेवक निगरानी के लिए सप्ताह में दो बार घरों का दौरा करते हैं।

इस पहल का सबसे उल्लेखनीय प्रभाव छोटे बच्चों में देखा गया है। सोलंके ने बताया कि माता-पिता के अनुसार बच्चों के व्यवहार में महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जहां बच्चे स्वयं अपने परिवारों को इसके बारे में बताते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य अपने छात्रों को राज्य स्तरीय परीक्षाओं के लिए पर्याप्त रूप से सक्षम बनाना और उनके लिए उच्च शिक्षा के द्वार खोलना है। हम चाहते हैं कि नागपुर अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए जाना जाए।’’

भाषा

राखी संतोष

संतोष


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