सिस्टर लूसी को कॉन्वेंट में किसी तरह की पुलिस सुरक्षा प्रदान नहीं की जा सकती: उच्च न्यायालय

सिस्टर लूसी को कॉन्वेंट में किसी तरह की पुलिस सुरक्षा प्रदान नहीं की जा सकती: उच्च न्यायालय

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  • Publish Date - July 14, 2021 / 11:49 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:16 PM IST

कोच्चि, 14 जुलाई (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि फ्रांसिस्कन क्लैरिस्ट कांग्रेगेशन (एफसीसी) के कान्वेंट से बेदखली के मामले में सिस्टर लूसी कलप्पुरा को किसी प्रकार का पुलिस संरक्षण प्रदान नहीं किया जा सकता है। सिस्टर लूसी को एफसीसी से निष्कासित कर दिया गया है और इस समय कान्वेंट में रह रही हैं।

अदालत ने कहा कि पुलिस कॉन्वेंट के बजाय किसी अन्य निवास स्थान पर उनके जीवन और संपत्ति की सुरक्षा कर सकती है।

न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन ने कहा कि यदि वह कॉन्वेंट में रहने का इरादा रखती हैं तो पिछले साल पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का उच्च न्यायालय का आदेश अब और आदेश जारी नहीं रह सकता।

उन्होंने कहा कि अगर वह अनुशासनहीनता के आरोप लगाने वाले कॉन्वेंट में रहना जारी रखती हैं, तो वहां के कर्मचारियों या अधिकारियों के साथ उनका टकराव जारी रहेगा।

व्यक्तिगत रूप से अपना पक्ष रखने वाली नन ने अदालत को बताया कि उन्होंने अपने निष्कासन के आदेश को एक दीवानी अदालत में चुनौती दी है और जब तक इसपर फैसला नहीं हो जाता तब तक वह कॉन्वेंट में रहना चाहती हैं।

सिस्टर लूसी ने कहा कि अदालत उन्हें दी गई पुलिस सुरक्षा वापस ले सकती है, लेकिन उन्हें कॉन्वेंट में रहने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि उनके पास जाने के लिये और कोई जगह नहीं है।

जून में, वेटिकन ने एफसीसी के फैसले के खिलाफ सिस्टर लूसी की तीसरी अपील को खारिज कर दिया था। एफसीसी ने उनसे कथित रूप से चर्च के नियमों का उल्लंघन करने वाली उनकी जीवनशैली के बार में स्पष्टीकरण मांगा था, जिसे प्रदान करने में ” विफल” रहने पर उन्हें अगस्त 2019 में निष्कासित कर दिया गया था।

भाषा जोहेब उमा अनूप

अनूप