ओडिशा में मुठभेड़ में 1.1 करोड़ के इनामी गणेश उइके समेत छह नक्सली ढेर

ओडिशा में मुठभेड़ में 1.1 करोड़ के इनामी गणेश उइके समेत छह नक्सली ढेर

ओडिशा में मुठभेड़ में 1.1 करोड़ के इनामी गणेश उइके समेत छह नक्सली ढेर
Modified Date: December 25, 2025 / 05:58 pm IST
Published Date: December 25, 2025 5:58 pm IST

भुवनेश्वर, 25 दिसंबर (भाषा) ओडिशा के कंधमाल जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में शीर्ष माओवादी गणेश उइके सहित छह नक्सली मारे गए। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे ‘‘एक बड़ी सफलता’’ बताया, जबकि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इसे ‘नक्सल मुक्त भारत’ के निर्माण की दिशा में एक ‘‘उल्लेखनीय सफलता’’ बताया।

राज्य में नक्सल विरोधी अभियानों का नेतृत्व कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी संजीब पांडा ने बताया कि भाकपा (माओवादी) केंद्रीय समिति के सदस्य उइके ओडिशा में प्रतिबंधित संगठन का प्रमुख था और उस पर 1.1 करोड़ रुपये का इनाम था।

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बुधवार रात बेलघर थाना क्षेत्र के गुम्मा जंगल में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में छत्तीसगढ़ के दो माओवादी मारे गए।

उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह चकापाड थाना क्षेत्र के एक जंगल में फिर से मुठभेड़ हुई, जिसमें उइके समेत चार अन्य माओवादी मारे गए।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ गोलीबारी में चार माओवादी मारे गए। उनमें से एक की पहचान 69 वर्षीय गणेश उइके के रूप में हुई है। वह तेलंगाना के नलगोंडा जिले के चेंदूर मंडल के पुल्लेमाला गांव का निवासी था।’’

अधिकारी ने बताया कि दो महिलाओं समेत अन्य तीन नक्सलियों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।

इस बीच शाह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ओडिशा के कंधमाल में चलाये गये एक बड़े अभियान में केंद्रीय समिति के सदस्य गणेश उइके समेत छह नक्सलियों को मार गिराया गया है। इस बड़ी सफलता के साथ ओडिशा नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त होने की कगार पर है। हम 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

गणेश उइके को पक्का हनुमंतु, राजेश तिवारी, चमरू और रूपा के नाम से भी जाना जाता है।

माझी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज ओडिशा ने ‘नक्सल मुक्त भारत’ के निर्माण के अभियान में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। कंधमाल जिले में जारी संयुक्त अभियान के दौरान नक्सल केंद्रीय समिति के सदस्य गणेश उइके समेत छह नक्सलियों को मार गिराया गया है।’’

उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण सफलता के साथ, ओडिशा नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त होने की कगार पर खड़ा है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। राज्य का विकास और जनता की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। शांति और प्रगति ही ओडिशा के भविष्य की दिशा तय करेगी।’’

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई बी खुरानिया ने कहा, ‘‘बुधवार को दो नक्सली मारे गए और आज सुबह चार अन्य मारे गये। केंद्रीय समिति के एक सदस्य का मारा जाना ओडिशा पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है। इससे राज्य में माओवादियों की कमर टूट गई है।’’

डीजीपी ने बताया कि कंधमाल-गंजाम अंतर-जिला सीमा के विभिन्न स्थानों पर अभियान जारी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ कंधमाल-गंजाम अंतर-जिला सीमा के विभिन्न स्थानों पर अभियान जारी हैं और हमें और अधिक सफलता की उम्मीद है। हाल के समय में ओडिशा में माओवादियों के खिलाफ यह सबसे बड़े अभियानों में से एक है। हम इस अभियान में शामिल सुरक्षाकर्मियों को धन्यवाद देते हैं। हम केंद्रीय गृह मंत्री के मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।’’

एक सवाल का जवाब देते हुए डीजीपी ने कहा कि पुलिस की तरफ से अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘हाल के दिनों में ऐसा पहली बार है कि ओडिशा में सुरक्षा बलों द्वारा केंद्रीय समिति सदस्य रैंक के माओवादी कमांडर को गोली मारकर ढेर किया गया है।’’

डीजीपी ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर बृहस्पतिवार की सुबह कंधमाल जिले के चाकापड़ पुलिस थाना क्षेत्र और गंजाम जिले के राम्भा वन रेंज से सटे इलाकों में ओडिशा पुलिस के विशेष अभियान दल की 20, सीआरपीएफ की दो और बीएसएफ के एक दल समेत 23 दलों को शामिल करते हुए एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘बृहस्पतिवार को विभिन्न क्षेत्रों में कई गोलीबारी की घटनाएं हुईं। बाद में, माओवादियों के चार शव बरामद किए गए – दो पुरुष और दो महिला। दो आईएनएसएएस राइफल और .303 की एक राइफल भी जब्त की गई।’’

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार रात मारे गए नक्सलियों की पहचान भाकपा (माओवादी) के क्षेत्र समिति सदस्य बारी उर्फ ​​राकेश और दलम सदस्य अमृत के रूप में हुई है, दोनों छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे।

डीजीपी ने बृहस्पतिवार को एक बार फिर माओवादियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की।

उन्होंने कहा, ‘‘ओडिशा की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति देश में सर्वश्रेष्ठ है, जिसके तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को नकदी और सामाजिक सुरक्षा जैसे आवास, राशन कार्ड, व्यापार करने के लिए वित्तीय सहायता और सबसे महत्वपूर्ण, कौशल प्रशिक्षण समेत कई लाभ मिलते हैं।’’

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश


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