अब तक सूनी पड़ी उत्तराखंड की ऊंची चोटियों पर मंगलवार से बर्फबारी की संभावना

अब तक सूनी पड़ी उत्तराखंड की ऊंची चोटियों पर मंगलवार से बर्फबारी की संभावना

अब तक सूनी पड़ी उत्तराखंड की ऊंची चोटियों पर मंगलवार से बर्फबारी की संभावना
Modified Date: December 29, 2025 / 09:18 pm IST
Published Date: December 29, 2025 9:18 pm IST

देहरादून, 29 दिसंबर (भाषा) दिसंबर के अंत के करीब पहुंचने के बावजूद अब तक सूनी पड़ी उत्तराखंड की ऊंची चोटियों पर आने वाले दिनों में बर्फबारी की संभावना है, जिससे नए साल के जश्न के लिए राज्य आने वाले सैलानियों का आनंद दोगुना हो सकता है।

मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के बनने से उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में ऊंचाई वाले स्थानों पर मंगलवार से दो जनवरी तक हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है।

देहरादून मौसम केंद्र के निदेशक डॉ सीएस तोमर ने बताया, “पश्चिमी विक्षोभ अभी सक्रिय है और तीस दिसंबर से दो जनवरी तक प्रदेश में हल्की बारिश तथा 3200 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना है।”

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इस सीजन में अक्टूबर में बदरीनाथ और केदारनाथ सहित उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई थी लेकिन उसके बाद से मौसम शुष्क ही बना हुआ है । कुछ वैज्ञानिक और स्थानीय लोग जहां इसे जलवायु परिवर्तन से जोड़ रहे हैं, वहीं मौसम विज्ञानी इसे क्षेत्र के लिए सामान्य बता रहे हैं।

फूलों की घाटी के समीप भ्यूंडार गांव के निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता भवान सिंह चौहान कहते हैं कि पिछले कुछ सालों से मौसम चक्र में खासा बदलाव आया है।

उन्होंने कहा, “अक्टूबर में जब मौसम खुशगवार होना चाहिए था, तब हमारे इलाके में दो फुट से ज्यादा बर्फ जम गई थी और अब जब बर्फ रहनी चाहिए थी तो न बर्फबारी हो रही है और न ही बारिश हो रही है।”

स्पेस एप्लिकेशन सेंटर, अहमदाबाद के पूर्व विज्ञानी और यूसैक के पूर्व निदेशक डॉ एम.एम. किमोठी भी इसे जलवायु परिवर्तन से जोड़ते हैं ।

उन्होंने कहा, “आज इसका प्रभाव मौसम चक्र के आगे पीछे होने के रूप में तो दिख ही रहा है बल्कि हिमालय में भी कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं । कश्मीर और हिमाचल के मुकाबले इस बार मध्य हिमालय में स्थित उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी की स्थिति चिंताजनक रही है।”

इस संबंध में उन्होंने बदरीनाथ में आजकल उग रही हर तरह की वनस्पतियों का जिक्र किया और कहा कि पहले वहां सामान्यत: बड़ी वनस्पतियां नहीं दिखायी देती थी । उन्होंने कहा कि हिमालय में वृक्ष रेखा भी और ऊपर जा रही है ।

बदरीनाथ मंदिर के पूर्व धर्माधिकारी पंडित भुवन चंद्र उनियाल के अनुसार, पहले नवंबर में जब भगवान बदरी विशाल के मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाते थे, तो उसी दिन या अगले दिन अवश्य ही बारिश और बर्फबारी होती थी और यह सिलसिला निचली घाटियों तक फैल जाता था।

उन्होंने कहा, “इस बार तो दिसंबर जाने वाला है और अब तक न बारिश दिखी और न बर्फबारी।”

मौसम केंद्र के निदेशक डॉ तोमर ने हालांकि, इसे एक सामान्य बात बताया और कहा कि उत्तराखंड में नवंबर और दिसंबर सामान्यत: सबसे शुष्क महीने ही माने जाते हैं ।

उन्होंने कहा कि 2020 और 2023 में तो इन महीनों में बर्फबारी बिल्कुल दर्ज नहीं की गयी और फिर अगले माह जनवरी में ही हिमपात हुआ।

मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार से उत्तराखंड के ऊंचाई वाले स्थानों पर हिमपात की संभावना जतायी है जिसे देखते हुए आने वाले दिनों में सैलानियों से लेकर व्यवसायी और किसान सबके चेहरे खिलने की उम्मीद है।

भाषा दीप्ति नोमान

नोमान

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