मानसून सत्र में कांग्रेस की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए सोनिया गांधी ने बुलाई 15 जुलाई को बैठक

मानसून सत्र में कांग्रेस की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए सोनिया गांधी ने बुलाई 15 जुलाई को बैठक

मानसून सत्र में कांग्रेस की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए सोनिया गांधी ने बुलाई 15 जुलाई को बैठक
Modified Date: July 13, 2025 / 10:33 am IST
Published Date: July 13, 2025 10:33 am IST

नयी दिल्ली, जुलाई 13 (भाषा) कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी संसद के मानसून सत्र के लिए पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप देने के वास्ते मंगलवार को एक अहम बैठक की अध्यक्षता करेंगी।

संसद के मॉनसून सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद है क्योंकि कांग्रेस पार्टी सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की योजना बहा रही है।

विपक्षी दल बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण संबंधी निर्वाचन आयोग के कदम पर कड़ी आपत्ति जता सकते हैं।

 ⁠

इसके अलावा कांग्रेस पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद की कूटनीतिक गतिविधियों पर चर्चा की मांग भी करती रही है।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता पतिपक्ष राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। बैठक की अध्यक्षता सोनिया गांधी अपने 10 जनपथ स्थित आवास पर करेंगी।

सरकार ने घोषणा की है कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक जारी रहेगा, जो पहले से तय समय से एक सप्ताह ज़्यादा है। इससे बड़ी विधायी कार्यसूची का संकेत मिलता है। पहले यह सत्र 12 अगस्त को समाप्त होना था लेकिन अब इसे एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है।

लंबी अवधि वाला सत्र ऐसे समय में हो रहा है जब सरकार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी क्षेत्र के प्रवेश को सुगम बनाने सहित कई प्रमुख विधेयक लाने की योजना बना रही है।

सरकार, ‘परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम’ और ‘परमाणु ऊर्जा अधिनियम’ में संशोधन करने की योजना बना रही है ताकि परमाणु क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोलने संबंधी केंद्रीय बजट की घोषणा पर अमल किया जा सके।

विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की मांग कर रहा है। विपक्षी दल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर भी सरकार से जवाब मांग रहे हैं जिसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष को समाप्त कराने में मध्यस्थता का दावा किया है। हालांकि सरकार ने ट्रंप के दावों को खारिज किया है।

भाषा शोभना नेत्रपाल

नेत्रपाल


लेखक के बारे में