सोनोवाल ने भूपेन हजारिका पर हिंदी पुस्तक का विमोचन किया
सोनोवाल ने भूपेन हजारिका पर हिंदी पुस्तक का विमोचन किया
गुवाहाटी, 28 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को कहा कि किसी एक राज्य की महान विभूतियों के योगदान पर अन्य क्षेत्रों की भाषाओं में लिखी गई पुस्तकें सांस्कृतिक संवाद को मजबूत करती हैं और भावनात्मक एवं बौद्धिक जुड़ाव को बढ़ावा देती हैं।
भूपेन हजारिका पर लिखी गई पुस्तक ‘भूपेन दा का सुरीला सफर’ के विमोचन अवसर पर सोनोवाल ने कहा कि भूपेन दा केवल असम की आवाज ही नहीं थे, बल्कि वे भारत की सामूहिक चेतना की गूंज थे।
उन्होंने कहा, ‘‘भूपेन दा का संगीत गहरी मानवीय संवेदनशीलता, सामाजिक चिंता और सद्भाव एवं राष्ट्रीय एकता के प्रति अडिग प्रतिबद्धता से उभरा। यह हिंदी में प्रकाशित कृति एक महत्वपूर्ण सेतु का काम करेगी, जो देश के हिंदीभाषी क्षेत्र को पूर्वोत्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराएगी।’’
असम के पूर्व मुख्यमंत्री सोनोवाल ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के साहित्यिक योगदान सांस्कृतिक संवाद को मजबूत करते हैं और पूर्वोत्तर तथा देश के अन्य हिस्सों के बीच भावनात्मक और बौद्धिक जुड़ाव को प्रोत्साहित करते हैं।
बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री सोनोवाल ने कहा कि यह पुस्तक नयी पीढ़ी को हजारिका के विचारों, आदर्शों और उनकी शाश्वत कलात्मक दृष्टि को समझने और सराहने के लिए प्रेरित करेगी।
184 पृष्ठों की इस पुस्तक के लेखक गुवाहाटी के पत्रकार अजहर आलम हैं और इसे असम राष्ट्र भाषा प्रचार समिति ने प्रकाशित किया है। यह पुस्तक भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित हजारिका के जीवन, उनके रचनात्मक प्रतिभा और स्थायी विरासत का अध्ययन प्रस्तुत करती है।
महान संगीतकार के जन्म शताब्दी समारोह की शुरुआत 8 सितंबर से हुई थी।
भाषा
अमित नरेश
नरेश

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