उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष से उत्पन्न स्थिति के समाधान के लिए विशेष प्रकोष्ठ बनाया गया: सरकार

उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष से उत्पन्न स्थिति के समाधान के लिए विशेष प्रकोष्ठ बनाया गया: सरकार

उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष से उत्पन्न स्थिति के समाधान के लिए विशेष प्रकोष्ठ बनाया गया: सरकार
Modified Date: December 16, 2025 / 08:34 pm IST
Published Date: December 16, 2025 8:34 pm IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) सरकार ने मंगलवार को संसद को बताया कि उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारण उत्पन्न स्थिति का पता लगाने, निगरानी और समाधान के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।

भाजपा सांसद अनिल बलूनी के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान की सहायता से उत्तराखंड में तेंदुओं की आबादी का आकलन करने का कार्य पूरा कर लिया गया है।

बलूनी ने सरकार से पूछा था कि क्या वह उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष की ‘‘तेजी से बढ़ती’’ घटनाओं को रोकने के लिए एक नयी नीति तैयार करने और जंगली जानवरों के हमलों की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार के साथ एक संयुक्त विशेष अभियान चलाने का प्रस्ताव करती है।

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गढ़वाल के सांसद ने यह भी पूछा था कि क्या सरकार राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारणों को समझने के लिए कोई विशेष अध्ययन कर रही है या विशिष्ट जांच करा रही है।

मंत्री ने लिखित उत्तर में कहा, ‘‘उत्तराखंड राज्य से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य में ‘मानव-वन्यजीव संघर्ष निवारण प्रकोष्ठ’ का गठन किया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस व्यवस्था के तहत, मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारण उत्पन्न होने वाली स्थितियों का पता लगाने, निगरानी और समाधान के साथ-साथ संबंधित अभिलेखों और आंकड़ों के दस्तावेजीकरण और रखरखाव के लिए व्यवस्थित कार्य किया जा रहा है।’’

सिंह ने बताया कि देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान की सहायता से राज्य में तेंदुओं की आबादी का आकलन करने का कार्य पूरा हो चुका है।

मंत्री ने कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारण फसलों को हुए नुकसान की घटनाएं देश के विभिन्न हिस्सों से समय-समय पर सामने आती रहती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मानव-वन्यजीव संघर्षों को कम करने सहित वन्यजीवों का प्रबंधन मुख्य रूप से संबंधित राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की जिम्मेदारी है।’’ उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम वे ही प्रतिक्रिया करते हैं।

भाजपा के मुख्य प्रवक्ता बलूनी ने हाल में उत्तराखंड के गढ़वाल के पहाड़ी क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई थी और केंद्र सरकार से इस समस्या से निपटने में राज्य की मदद करने का आग्रह किया था।

भाजपा सांसद ने पांच दिसंबर को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि ‘‘पिछले तीन हफ्तों में गढ़वाल क्षेत्र में तेंदुओं के हमलों में चार लोगों की मौत हो चुकी है और 15 से अधिक लोग घायल हुए हैं।’’

भाषा

सुभाष सुरेश

सुरेश


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