मणिपुर के भाजपा विधायकों के साथ बी एल संतोष और संबित पात्रा की बैठक के बाद अटकलें तेज
मणिपुर के भाजपा विधायकों के साथ बी एल संतोष और संबित पात्रा की बैठक के बाद अटकलें तेज
नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो केंद्रीय नेताओं के मणिपुर के विधायकों के साथ बैठक के बाद राज्य में पार्टी के अगले कदम को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। मणिपुर में पिछले 10 महीनों से राष्ट्रपति शासन लागू है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी एल संतोष और पार्टी के पूर्वोत्तर समन्वयक संबित पात्रा ने रविवार को मणिपुर के विधायकों से मुलाकात की। दोनों संघर्षरत समुदायों मेइती और कुकी के विधायक इस बैठक में मौजूद थे। इस बैठक के बाद पार्टी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘चर्चा मणिपुर की शांति और प्रगति पर केंद्रित थी।’
सूत्रों के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि दोनों केंद्रीय नेताओं ने मेइती और कुकी विधायकों से दोनों समुदायों के बीच मतभेदों को दूर करने के लिए साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया है, ताकि मणिपुर में स्थायी शांति स्थापित की जा सके।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा मुख्यालय में आयोजित बैठक में सरकार गठन के मुद्दे पर चर्चा हुई, लेकिन केंद्रीय नेताओं की ओर से इस बात का कोई संकेत नहीं मिला है कि केंद्र की ओर से भविष्य में क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
भाजपा की मणिपुर इकाई की अध्यक्ष ए शारदा देवी भी बैठक में उपस्थित थीं। बैठक में 30 से अधिक भाजपा विधायक शामिल हुए, जिनमें मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष टी सत्यब्रत सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह भी शामिल थे।
सूत्रों ने बताया कि कुकी समुदाय के सात भाजपा विधायकों में से चार ने बैठक में भाग लिया, जबकि तीन कुकी विधायक कुछ ‘अपरिहार्य कारणों’ से बैठक में शामिल नहीं हो सके।
एन बीरेन सिंह के नौ फरवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है। राज्य में मई 2023 से जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा को निलंबित कर दिया गया। विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है।
राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद, राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कई कदम उठाए।
भाषा आशीष दिलीप
दिलीप

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