चकमा मामले में त्वरित सजा सुनिश्चित की जाए, प्राथमिकी दर्ज करने में देरी की जांच हो: कांग्रेस

चकमा मामले में त्वरित सजा सुनिश्चित की जाए, प्राथमिकी दर्ज करने में देरी की जांच हो: कांग्रेस

चकमा मामले में त्वरित सजा सुनिश्चित की जाए, प्राथमिकी दर्ज करने में देरी की जांच हो: कांग्रेस
Modified Date: December 29, 2025 / 06:58 pm IST
Published Date: December 29, 2025 6:58 pm IST

नयी दिल्ली, 29 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस ने देहरादून में त्रिपुरा के एक युवक की हत्या की घटना को लेकर सोमवार को उत्तराखंड पुलिस पर कार्रवाई में देरी करने का आरोप लगाया और कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मामले का अदालत में त्वरित निपटारा हो, दोषियों को सजा मिले तथा मुख्य अभियुक्त को जल्द गिरफ्तार किया जाए।

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने यह भी कहा कि इसकी भी जांच होनी चाहिए कि पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने में 12 दिन क्यों लगे?

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूर्वोत्तर के लोग भारतीय हैं, ‘‘चीनी’’ नहीं हैं।

 ⁠

पश्चिम त्रिपुरा जिले के नंदननगर के 24-वर्षीय एंजेल चकमा ने नौ दिसंबर को देहरादून में जब नस्लीय टिप्पणी का विरोध किया, तब छह लोगों ने उसपर हमला किया था। इलाज के दौरान 26 दिसंबर को उसकी मौत हो गई।

गोगोई ने कहा, ‘‘एंजेल चकमा के साथ हुई हिंसा में कुछ ऐसी जानकारियां आई हैं, जो बेहद चिंताजनक है। एंजेल चकमा के परिवार के सदस्यों ने कहा है कि स्थानीय पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने में जितनी तत्परता दिखानी चाहिए थी, वो नहीं दिखाई गई। प्राथमिकी दर्ज करने में लगभग 12 दिन लग गए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब छात्रों ने प्रदर्शन किया, तब जाकर प्राथमिकी दर्ज की गई। इसमें 4 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है, लेकिन मुख्य व्यक्ति भाग गया।’’

गोगोई ने कहा, ‘‘मोदी सरकार ‘वन इंडिया’ की बात तो करती है, लेकिन उसमें बस रही विविधताओं की बात नहीं करती। इस ‘वन इंडिया’ में कितनी भाषाएं हैं, कितने प्रदेश हैं, लोगों के चेहरे कितने अलग-अलग हैं, उसकी बात नहीं करती।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि एंजेल चकमा की हत्या का मामला जल्द से जल्द अदालत में जाएगा और दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी। हम चाहते हैं कि जो व्यक्ति भाग गया है, उसे जल्दी पकड़ा जाए और ये जांच की जाए कि पुलिस ने प्राथमिकी करने में देर क्यों की?’’

भाषा हक

हक नरेश

नरेश


लेखक के बारे में