जम्मू-कश्मीर के विशेष और पूर्ण राज्य दर्जे की बहाली के लिए संघर्ष जारी रहेगा: नेकां कार्यसमिति
जम्मू-कश्मीर के विशेष और पूर्ण राज्य दर्जे की बहाली के लिए संघर्ष जारी रहेगा: नेकां कार्यसमिति
श्रीनगर, 27 नवंबर (भाषा) सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने शुक्रवार को दो दिवसीय कार्यसमिति की बैठक के अंत में कई प्रस्ताव पारित किए, जिनमें जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए ‘‘अटूट प्रतिबद्धता’’ दोहराई गई और पूर्ण राज्य का दर्जा तुरंत बहाल करने की मांग की गई।
पार्टी द्वारा पारित सात प्रस्तावों में से पहले प्रस्ताव में कहा गया, “कार्यसमिति ने सर्वसम्मति से जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता दोहराई। समिति ने दोहराया कि यह मुद्दा लोगों की आकांक्षाओं और गरिमा से जुड़ा है और इसे बिना किसी देरी के हल किया जाना चाहिए।”
इसने कहा कि पार्टी जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की पूर्ण बहाली के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगी और पूर्ण राज्य का दर्जा तुरंत बहाल करने की भी मांग करती है।
पार्टी ने कहा, “कार्यसमिति ने दिल्ली में (10 नवंबर को) हुए आतंकवादी हमले पर गंभीर चिंता व्यक्त की और इसकी स्पष्ट निंदा की। इसने उन परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की जिन्होंने अपनी जान गंवाई। एक सभ्य समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं है और ऐसे जघन्य कृत्यों से दृढ़ता और निर्णायक रूप से निपटा जाना चाहिए।”
इसके अलावा, 14 नवंबर को नौगाम थाने में दुर्घटनावश हुए विस्फोट पर चिंता व्यक्त की।
नेकां ने कहा, “समिति ने कहा कि इस घटना की उच्च स्तर पर जांच होनी चाहिए और मानक संचालन प्रक्रिया से किसी भी तरह की अनियमितता के लिए जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।”
पार्टी ने पूरे भारत में जम्मू-कश्मीर के लोगों की सुरक्षा का भी आह्वान किया और हाल की घटनाओं के बाद छात्रों, व्यापारियों और निवासियों के हो रहे उत्पीड़न पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, “अगर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाता है तो पहलगाम और दिल्ली विस्फोट जैसे आतंकवादी हमले दोबारा नहीं होंगे, क्योंकि सुरक्षा की जिम्मेदारी निर्वाचित सरकार पर होगी। क्या पहलगाम या दिल्ली जैसे हमले तब हुए जब हम सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार थे? मैं छह साल तक मुख्यमंत्री रहा। क्या पहलगाम जैसा हमला हुआ था? या दिल्ली जैसा? जिम्मेदारी हमें सौंप दीजिए, फिर देखिए क्या होता है। अगर हम नाकाम रहे, तो राज्य का दर्जा रद्द कर दीजिए।”
भाषा खारी माधव
माधव

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