उच्चतम न्यायालय ने कुटुंब अदालत से तलाक मामले में तीन महीने में फैसला करने को कहा
उच्चतम न्यायालय ने कुटुंब अदालत से तलाक मामले में तीन महीने में फैसला करने को कहा
नयी दिल्ली, 29 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने उद्योगपति जयदेव श्रॉफ और उनकी अलग रह रही पत्नी पूनम जयदेव श्रॉफ से जुड़े एक दशक पुराने तलाक के मामले पर फैसला करने के लिए मुंबई के बांद्रा कुटुंब न्यायालय को शुक्रवार को तीन महीने का समय दिया।
प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया और न्यायमूर्ति आलोक अराधे की पीठ ने कहा कि यह मामला 2015 से लंबित है और इस पर तीन महीने के भीतर फैसला किया जाना चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यदि कोई पक्ष सुनवाई में देरी करता है तो उस पक्ष के खिलाफ प्रतिकूल निष्कर्ष निकाला जा सकता है।’’
जयदेव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी पेश हुए और पीठ को मामले की लंबी अवधि के बारे में जानकारी दी।
शीर्ष अदालत ने तीन दिसंबर, 2021 को कुटुंब अदालत से सुनवाई में तेजी लाने को कहा था।
इसने 18 मार्च, 2024 को उल्लेख किया कि 2.3 वर्ष बीत चुके हैं और बांद्रा कुटुंब न्यायालय के न्यायाधीश से कहा कि वे ‘‘सुनवाई को यथासंभव शीघ्रता से और छह महीने की अवधि के भीतर निपटाने का प्रयास करें’’।
उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले पूनम श्रॉफ की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने या तो अपने अलग हुए पति के साथ मुंबई में अपने आलीशान वैवाहिक घर में रहने की अनुमति मांगी थी या फिर किराए पर रहने के लिए 35.37 लाख रुपये प्रति माह का भुगतान करने का अनुरोध किया था।
सिंघवी ने तब बताया था कि उनके मुवक्किल ने तलाक विवाद के पूर्ण और अंतिम निपटारे के लिए 90 करोड़ रुपये की पेशकश की थी, लेकिन इस पर सहमति नहीं बनी।
भाषा
देवेंद्र माधव
माधव

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