उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित समिति ने चर्चा आरंभ की, आठ राज्यों के किसान संगठनों से किया संवाद

उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित समिति ने चर्चा आरंभ की, आठ राज्यों के किसान संगठनों से किया संवाद

उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित समिति ने चर्चा आरंभ की, आठ राज्यों के किसान संगठनों से किया संवाद
Modified Date: November 29, 2022 / 08:42 pm IST
Published Date: January 21, 2021 12:05 pm IST

नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) तीन कृषि कानूनों को लेकर उच्चतम न्यायाय द्वारा गठित समिति ने वार्ता आरंभ कर दी और इस कड़ी में बृहस्पतिवार को आठ राज्यों के 10 किसान संगठनों से संवाद कायम किया।

शीर्ष अदालत ने 11 जनवरी को तीन कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी और गतिरोध को दूर करने के मकसद से चार-सदस्यीय समिति का गठन किया था। फिलहाल, इस समिति मे तीन ही सदस्य है क्योंकि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने खुद को इस समिति से अलग कर लिया था।

ज्ञात हो कि इन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन लगभग दो महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि उनकी सरकार से अलग वार्ता चल रही है। 10 दौंर की वार्ता में अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है।

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अदालत द्वारा गठित समिति ने एक बयान में कहा कि बृहस्पतिवार को विभिन्न किसान संगठनों और संस्थाओं से वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से संवाद किया गया।

बयान के मुताबिक कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, और उत्तर प्रदेश के 10 किसान संगठनों ने समिति के सदस्यों से संवाद किया।

बयान में कहा गया, ‘‘किसान संगठनों ने खुलकर अपने विचार रखे और कानूनों के क्रियान्वयन में सुधार संबंधी सुझाव भी दिए।’’

किसान संगठनों से किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और सेवा कानून और आवश्यक वस्तुएं (संशोधन) कानून के बारे राय मांगी गई।

समिति के सदस्यों में महाराष्ट्र स्थित शेतकारी संगठन के अनिल घनवट, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और प्रमोद कुमार जोशी शामिल हैं।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र माधव

माधव


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