पंजाब सरकार को मुख्तार अंसारी की हिरासत उप्र पुलिस को सौंपने का उच्चतम न्यायालय का निर्देश

पंजाब सरकार को मुख्तार अंसारी की हिरासत उप्र पुलिस को सौंपने का उच्चतम न्यायालय का निर्देश

पंजाब सरकार को मुख्तार अंसारी की हिरासत उप्र पुलिस को सौंपने का उच्चतम न्यायालय का निर्देश
Modified Date: November 29, 2022 / 08:02 pm IST
Published Date: March 26, 2021 10:45 am IST

नयी दिल्ली, 26 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को पंजाब सरकार को निर्देश दिया कि वह अपराध की दुनिया से राजनीति में आए मुख्तार अंसारी की हिरासत उत्तर प्रदेश पुलिस को दो सप्ताह के भीतर सौंप दे।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ ने रूपनगर जेल में बंद अंसारी को उत्तर प्रदेश राज्य को सौंपने का आदेश दिया।

पीठ ने अंसारी द्वारा दायर उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें अनुरोध किया गया था कि उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज मामलों को राज्य से बाहर किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर दिया जाए।

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उच्चतम न्यायाल ने यह आदेश उत्तर प्रदेश सरकार की उस याचिका पर दिया, जिसमें अनुरोध किया गया था कि पंजाब सरकार और रूपनगर जेल के अधिकारियों को अंसारी को तुरंत जिला जेल, बांदा को सौंपने का निर्देश दिया जाए।

पंजाब सरकार ने चार मार्च को न्यायालय में कहा था कि योगी आदित्यनाथ सरकार को यह अनुरोध करने को कोई मौलिक अधिकार नहीं है कि अंसारी को रूपनगर जेल से बांदा जिला जेल भेज दिया जाए।

जबरन वसूली के मामले में जनवरी 2019 से जिला जेल रूपनगर में बंद अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कई गंभीर आरोप हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार ने दलील दी थी कि अंसारी न्यायिक व्यवस्था को ‘चकमा’’ दे रहा है और आरोप लगाया था कि वह पंजाब में रूपनगर जिला जेल से अवैध गतिविधियां चला रहा है।

उत्तर प्रदेश ने उच्चतम न्यायालय में आरोप लगाया था कि अंसारी और पंजाब पुलिस के बीच ‘साठगांठ’ है लेकिन अमरिंदर सिंह सरकार ने उन दावों का खंडन किया और योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा दायर याचिका की स्वीकार्यता पर सवाल उठाए।

उत्तर प्रदेश सरकार की दलील थी कि अंसारी ने पीड़िता के अधिकारों तथा जेल नियमावली का उल्लंघन किया। सरकार ने कहा था कि अनुच्छेद 142 के तहत सर्वोच्च अदालत अंसारी को पंजाब की जेल से उत्तर प्रदेश की जेल स्थानांतरित करने का आदेश दे सकती है, क्योंकि लगभग 14-15 मामले अंतिम चरण में हैं।

अंसारी ने दलील दी थी कि वह राज्य में एक विपक्षी पार्टी से जुड़े हैं, इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।

वहीं, पंजाब सरकार ने कहा था कि अंसारी की तबियत ठीक नहीं है और केंद्र सरकार के नियंत्रण वाले पीजीआई चंडीगढ़ अस्पताल ने उन्हें समय-समय पर चिकित्सा प्रमाणपत्र दिए हैं।

भाषा

अविनाश दिलीप

दिलीप


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