नई दिल्ली। केरल स्थित सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश संबंधी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व में दिए गए फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए पांच जजों की संविधान पीठ तैयार हो गई है। पुनर्विचार के लिए दायर 48 याचिकाओं पर 22 जनवरी से खुली अदालत में सुनवाई होगी। संभव है कि इसके बाद ये मामला 7 जजों की बेंच को भेज दिया जाए, क्योंकि 28 सितंबर को दिया गया फैसला पांच जजों की बेंच ने ही दिया था।
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को एक ऐतिहासिक फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी थी। पांच जजों की बेंच ने ये फैसला 4-1 के बहु्मत से लिया था। बेंच ने कहा था कि मंदिर में अब सभी उम्र की महिलाएं प्रवेश कर सकेंगी। अदालत ने 10 से 50 आयुवर्ग वाली महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर रोक की सैकड़ों साल पुरानी परंपरा को असंवैधानिक बताया था।
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सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले बाद भी मंदिर में महिलाओं को प्रवेश नहीं करने दिया गया। अक्टूबर माह में प्रदर्शनकारियों के विरोध के कारण महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकीं। प्रदर्शनकारियों ने मंदिर में प्रवेश की इच्छुक महिला श्रद्धालुओं को डराया, धमकाया और कई जगहों पर तो महिलाओं को बस से घसीट कर निकाल दिया।