उच्चतम न्यायालय ने याचिका में प्रधान न्यायाधीश को पक्षकार बनाने को लेकर आपत्ति जतायी |

उच्चतम न्यायालय ने याचिका में प्रधान न्यायाधीश को पक्षकार बनाने को लेकर आपत्ति जतायी

उच्चतम न्यायालय ने याचिका में प्रधान न्यायाधीश को पक्षकार बनाने को लेकर आपत्ति जतायी

:   Modified Date:  March 20, 2023 / 05:00 PM IST, Published Date : March 20, 2023/5:00 pm IST

नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा दिये जाने को चुनौती देने वाली याचिका में भारत के प्रधान न्यायाधीश को पक्षकार बनाने पर सोमवार को आपत्ति जतायी।न्यायमूर्ति एस.के. कौल, न्यायमूर्ति ए. अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने अन्य लोगों के साथ याचिका दायर करने वाले वकील मैथ्यूज जे. नेदुमपारा से पूछा कि कैसे उन्होंने भारत के प्रधान न्यायाधीश और शीर्ष अदालत के सभी न्यायाधीशों को सेक्रेटरी जनरल के माध्यम से प्रतिवादी पक्षकार के रूप में पेश किया है। पीठ ने कहा, ‘‘पक्षकारों की सूची देखिये। आप 40 साल का अनुभव रखने वाले वकील हैं। आप प्रतिवादी संख्या दो (प्रधान न्यायाधीश) और तीन (पूर्ण अदालत) को पक्षकारों के रूप में कैसे शामिल कर सकते हैं? आप पहले पक्षकारों के मेमो में संशोधन करें।’’

पीठ ने कहा कि वह शीर्ष अदालत के लिए इस तरह के रवैये को स्वीकार नहीं करेगी। अदालत ने नेदुमपारा से कहा कि जिस समय शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री ने इस पर आपत्ति जताई थी, याचिकाकर्ताओं को इसमें संशोधन करना चाहिए था।

पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत को रजिस्ट्रार के जरिये पक्षकार बनाया जा सकता है। पीठ ने नेदुमपारा से पक्षकारों के मेमो में संशोधन करने को कहा। पीठ ने कहा कि याचिका उसके बाद ही सुनवाई के लिये सूचीबद्ध की जाएगी।

नेदुमपारा ने कहा कि वह उन्हें पक्षकारों की सूची से हटा देंगे और एक दिन के भीतर संशोधन करेंगे। पीठ ने कहा कि अगर ऐसा किया जाता है, तो याचिका को 24 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।

पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर तीन न्यायाधीशों की पीठ पूर्व में फैसला दे चुकी है और याचिकाकर्ताओं को अदालत को आश्वस्त करना होगा कि इस मुद्दे को बड़ी पीठ के पास क्यों भेजा जाना चाहिए।

भाषा शफीक दिलीप शफीक

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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