Supreme Court on Aravalli Hills / Image Source : IBC24
Aravalli Hills Controversy दिल्ली : अरावली हिल्स की बदली परिभाषा को लेकर पूरे देश में जमकर विवाद हो रहा था। इस विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले को स्वत: संज्ञान में लेते हुए आज 29 दिसंबर 2025 में बड़ा फैसला सुनाया है। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस मामले पर दिए गए पूर्व के फैसले को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया है इस पूरे मामले में अब 21 जनवरी 2026 को अगली सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए कुछ सवालों के जवाब मांगे है साथ ही उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने के भी निर्देश दिए है।
Aravalli Hills Controversy दरअसल, 20 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अरावली पहाड़ियों और श्रेणियों (रेंज) की एक समान और वैज्ञानिक परिभाषा को मंजूरी दी थी। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में फैले अरावली क्षेत्र में विशेषज्ञों की रिपोर्ट आने तक नई खनन लीज देने पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) की एक समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए कहा था कि दुनिया की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखलाओं में से एक अरावली की रक्षा के लिए स्पष्ट और वैज्ञानिक परिभाषा बेहद जरूरी है।
Aravalli Hills Controversy समिति के अनुसार, अरावली जिलों में स्थित कोई भी भू-आकृति, जिसकी ऊंचाई जमीन से 100 मीटर या उससे अधिक हो, उसे अरावली पहाड़ी माना जाएगा। वहीं, 500 मीटर के दायरे में स्थित दो या उससे अधिक ऐसी पहाड़ियों को मिलाकर अरावली रेंज की श्रेणी में रखा जाएगा. समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि पहाड़ी के साथ उसकी सहायक ढलानें, आसपास की भूमि और संबंधित भू-आकृतियां, चाहे उनका ढाल कितना भी हो, अरावली का हिस्सा मानी जाएंगी। इसी तरह, दो पहाड़ियों के बीच का क्षेत्र भी निर्धारित मापदंडों के अनुसार अरावली रेंज में शामिल होगा।
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