पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला केंद्र सरकार के हलफनामे के अनुरूप: PM मोदी

पेगासस मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला केंद्र सरकार के हलफनामे के अनुरूप: मोदी

पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला केंद्र सरकार के हलफनामे के अनुरूप: PM मोदी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 pm IST
Published Date: October 27, 2021 7:42 pm IST

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कहा कि पेगासस जासूसी प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाने का उच्चतम न्यायालय का फैसला केंद्र सरकार द्वारा शीर्ष अदालत में दिए गए हलफनामे के अनुरूप है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पेगासस के जरिए भारतीय लोकतंत्र को कुचलने और देश की राजनीति एवं संस्थाओं को नियंत्रण में लेने का प्रयास के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि झूठ बोलना और भ्रम फैलाना उनकी आदत रही है।

उच्चतम न्यायालय ने इजराइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिए भारत में कुछ लोगों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए बुधवार को विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को निजता के उल्लघंन से सुरक्षा प्रदान करना जरूरी है और ‘‘सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा’’ की दुहाई देने मात्र से न्यायालय ‘‘मूक दर्शक’’ बना नहीं रह सकता। न्यायालय के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत ने इस प्रकरण में विपक्ष के रुख का समर्थन किया है तथा संसद के आगामी सत्र में इस पर चर्चा होनी चाहिए।

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उन्होंने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पेगासस के जरिये भारतीय लोकतंत्र को कुचलने और देश की राजनीति एवं संस्थाओं को नियंत्रण में लेने का प्रयास किया गया। पात्रा ने कहा, ‘‘आज उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय को लेकर राहुल गांधी ने फिर उन्हीं शब्दों का उच्चारण किया, जो वो हमेशा करते हैं। राहुल गांधी के पास कुछ भी नया नहीं है। वही बातें, वही शब्दावली…राहुल गांधी कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में है, लोकतंत्र पर हमला हो रहा है, लोकतंत्र को बचाना है और भाजपा भारत के संविधान पर भाजपा हमले कर रही है। यही राहुल गांधी के शब्दकोश में है।’’

उन्होंने कहा कि ना ही राहुल गांधी और ना ही कांग्रेस इस विषय को लेकर शीर्ष अदालत में गए थे। उन्होंने कहा कि पेगासस मामले में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार ने न्यायालय में जो हलफनामा दिया था, उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कि निहित स्वार्थ के लिए एक समूह के लोग एक गलत धारणा पूरे देश में बनाने की कोशिश कर रहे हैं और इसे ध्वस्त करने के लिए यह आवश्यक है की विशेषज्ञों की समिति गठित की जाए।

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उन्होंने कहा, ‘‘…और आज अदालत ने विशेषज्ञों की समिति बनाई है। जो सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था, वही हुआ।’’ पात्रा ने कहा कि भाजपा लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास करती है और कथित जासूसी का यह मामला एक ‘‘निर्मित’’ विवाद है जो अनुमानों और अप्रमाणित रिपोर्टों पर अधारित है। उन्होंने कहा, ‘‘देश में और देश के बाहर निहित स्वार्थ वाले कुछ समूह हैं जो देश को बदनाम करना चाहते हैं। विशेषज्ञ अब इस मामले को देखेंगे। हम इसका स्वागत करते हैं।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com